सरदार पटेल के घर से अमित शाह ने की गुजरात गौरव यात्रा की शुरुआत
अहमदाबाद/नई दिल्ली, 01 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार का बिगुल फूंकते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात गौरव यात्रा की शुरुआत कर दी है। यह यात्रा प्रदेश में बीजेपी के करीब दो दशक के शासन में हुए विकास के बारे में बताएगी। इस यात्रा की शुरुआत करमसद से हुआ है, जो लौह पुरुष सरकार वल्लभ भाई पटेल का जन्मस्थान है। दिन में वह शहर के विद्यानगर रोड पर गुजरात गौरव यात्रा को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि बीजेपी इसके जरिए राहुल गांधी की हालिया सौराष्ट्र यात्रा के असर को खत्म करने की कोशिश करेगी, जिसमें उन्होंने पटेलों को लुभाने का प्रयास किया था।
सरदार पटेल के घर से यात्रा की शुरुआत करने के राजनीतिक मकसद को आसानी से समझा जा सकता है। इसके जरिए बीजेपी की कोशिश आरक्षण आंदोलन के बाद से नाराज बताए जा रहे पटेल समुदाय के लोगों को साधने की होगी। सूबे में करीब 20 फीसदी आबादी और 70 सीटों पर प्रभाव रखने वाले पटेल समुदाय को कांग्रेस भी रिझाने की कोशिश कर रही है। पिछले सप्ताह ही राहुल गांधी ने पटेल समुदाय की बहुलता वाले सौराष्ट्र क्षेत्र का दौरा किया था और कई मंदिरों की यात्रा कर अलग ही संदेश देने का प्रयास किया था।
राहुल-हार्दिक की ‘दोस्ती’ की यूं काट निकालेंगे शाह
राहुल के सौराष्ट्र पहुंचने पर पटेल समुदाय के युवा नेता और आरक्षण आंदोलन में सक्रिय रहे हार्दिक पटेल ने उनका स्वागत किया था। ऐसे में पटेलों के कांग्रेस की ओर संभावित झुकाव को रोकने के लिए बीजेपी सक्रिय हो गई है और सरदार पटेल के घर से ही यात्रा की शुरुआत कर उन्हें रिझाने की कोशिश है। गौरतलब है कि गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। सूबे में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें भाजपा के फिलहाल 118 विधायक हैं। एक मई 1960 को गठित गुजरात में पिछले करीब 22 वर्षों से बीजेपी की सरकार है।
गुजरात में दांव पर होगी पीएम मोदी और शाह की रणनीति
करीब 15 साल तक गुजरात के सीएम रहे पीएम नरेंद्र मोदी को इस राज्य के विकास मॉडल के नाम पर ही केंद्र में आने में सफलता मिली थी। उनके पीएम बनने के बाद से अब तक गुजरात के लोग दो सीएम आनंदीबेन पटेल और विजय रूपानी को देख चुके हैं। इससे कहा जा सकता है कि गुजरात को अब भी पीएम मोदी जैसे ही एक सशक्त मुख्यमंत्री की तलाश है। ऐसे में पीएम मोदी और अमित शाह के लिए केंद्र में रहते हुए भी गुजरात के चुनाव में विजयश्री पाना चुनौती होगा।