वृध्द हमारे मार्गदर्शक एवं प्रेरणाोत
रतलाम,4 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। वृध्द हमारे मार्गदर्शक है,प्रेरणाोत है,उनके पास अनुभव का खजाना है,जिसका लाभ लेकर हम जीवन में सही मार्ग पर चलकर सफल हो सकते है। अत:हमे वृध्दों का आदर करना चाहिए,सम्मान करना चाहिए। उक्त विचार अन्तर्राष्ट्रिय वृध्दजन दिवस पर शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.टी.आर.अम्ब ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अर्थशा विभाग की प्राध्यापक डॉ.अनामिका सारस्वत ने कहा कि जिस प्रकार इतिहास हमें गलतियों को सुधारना सिखाता है,जिससे भविष्य को अच्छा बनाया जा सके,उसी प्रकार वृध्दजनों के पास इतिहास के अच्छे बुरे का अनुभव है। वे हमे बुरे अनुभवों को सुधारने एवं अच्छे अनुभवों को अपनाने का मार्ग दिखाते है। हमारे भविष्य को सुखमय बनाने की प्रेरणा देते है। अत: परिवार,समाज एवं देश में वृध्दजनों का आदर सम्मान हमारा कत्र्तव्य है।
राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ.अनिल जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बदलते सामाजिक परिवेश में वृध्दजनों के प्रति हमारे कत्र्तव्य एवं उत्तरदायित्व अधिक बढ गए है। एकल परिवार एवं छोटे परिवार की अवधारणा एवं जीवन की आपाधापी में तथा रोजगार के लिए परिवार के युवाओं को बाहर दूर जाने के कारण आज वृध्दजन अपने आपको अकेला असहाय महसूस कर रहे है। अत: युवा पीढी को वृध्दजनो द्वारा उनके दिखाए मार्गदर्शन प्रेरणा एवं सफलता के मार्ग पर चलकर जीवन को सफल बनाना है। युवा पीढी को वृध्दजनों के त्याग बलिदान का ऋ ण आदर सम्मान के एवं उत्तरदायित्व द्वारा चुकाना है।
इस अवसर पर प्रो.बी वर्मा एवं प्रो.नीलोफर खामोशी ने भी युवा पीढी को वृध्दजनों के प्रति कत्र्तव्य एवं उत्तरदायित्व को निभाने की सलाह दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सदस्य एवं छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित थी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.सुप्रिया पैठणकर ने किया आभार प्रदर्शन डॉ.स्नेहा पंडित ने किया।