रेकार्ड गेंहू खरीदी के बाद सोमवार को हुई बारिश से लाखों क्विंटल गेंहू के खराब होने का खतरा
रतलाम,1 जून (इ खबरटुडे)। कोरोना संकट के बावजूद प्रदेश के साथ साथ रतलाम जिले में भी गेहूं की रेकार्ड खरीदी हुई है और भारी मात्रा में गेंहू मण्डियों में खुला पडा है। सोमवार को हुई बेमौसम बारिश के चलते मण्डियों में खुले पडे हाखों क्विंटल गेंहू के खराब होने का खतरा मण्डराने लगा है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार,जिले में कुल 65 उपार्जन केन्द्रों पर कुल 35180 किसानों से कुल दो लाख 35 हजार मेट्रिक टन गेंहू की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से करीब दो लाख आठ हजार मे टन गेंहू का उपार्जन केन्द्रों से परिवहन किया जा चुका है। जिले के तमाम शासकीय और निजी वेयर हाउस पूरी तरह भरा चुके है और बडी मात्रा में गेंहू को रेलवे के द्वारा अन्यत्र स्थानों पर भण्डारण के लिए भेजा गया है।
लेकिन लगभग 25 हजार मेट्रिक टन गेंहू अब भी उपार्जन केन्द्रों या मण्डियों में खुला पडा हुआ है। सोमवार को अचानक हुई बारिश से पांच लाख क्विंटल से अधिक गेंहू के खराब होने का खतरा मण्डराने लगा है। जिले की भण्डारण क्षमता अब समाप्त हो चुकी है। बारदान की कमी के चलते कई बार खरीदी में भी व्यवधान उत्पन्न हुए थे। हांलाकि बडी मण्डियों में गेंहू को सीधे ट्रालियों से तौलने की सुविधा उपलब्ध है,इसलिए इन स्थानों पर खरीदे गए गेंहूं की ढेरियां बनाकर रख दी जाती है। अनेक मण्डियों में गेंहू रखने के लिए शेड भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे स्थानों पर गेंहू पूरी तरह खुले में रखा हुआ है। सोमवार को हुई बारिश से खुले में रखा गया काफी गेंहू खराब हो गया होगा। लेकिन अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। जिला उपार्जन अधिकारी सुश्री स्वाति राय से इस सम्बन्ध में कई बार सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका मोबाइल नो रिप्लाय होता रहा।
अब तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि खुले में पडे गेंहू की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए गए हैैं। गेंहू के भण्डारण और तत्काल परिवहन की व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में यह तय है कि यदि एकाध बार और बारिश हो गई,तो किसानों की मेहनत से उत्पन्न हुआ लाखों क्विंटल गेंहू पूरी तरह बरबाद हो जाएगा।