मलाला को दिल्ली-मुंबई देखने की हसरत
नईदिल्ली ,4 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा है कि वह भारत आकर दिल्ली और मुंबई की सैर करना चाहती हैं। एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में 18 वर्षीय मलाला ने कहा, भारत के लोग मेरे धर्म या देश की परवाह नहीं करते। भारत के लोग मेरे साथ खड़े हैं क्योंकि मैं अच्छा काम कर रही हूं। मैं निश्चित रूप से भारत जाना चाहूंगी और खासकर दिल्ली और मुंबई घूमना चाहूंगी। मलाला को भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ पिछले साल शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
बॉलीवुड फिल्में पसंद
मलाला ने कहा कि वह बॉलीवुड फिल्मों की बड़ी प्रशंसक हैं। उन्होंने कहा, मैंने सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ देखी। यह एक अच्छी फिल्म है क्योंकि इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच भाईचारे और शांति का संदेश दिया गया है। उन्हें क्रिकेट देखना भी पंसद हैं। लेकिन क्रिकेट के मैदान में वह हमेशा पाकिस्तान को जीतते देखना चाहती हैं।
आतंकवाद पर पाक नेता चुप क्यों
मलाला ने आतंकवाद पर पाकिस्तानी नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर स्वात घाटी में आतंकवाद है तो वे क्यों चुप हैं। अगर लड़कियों को पढ़ने से रोका जा रहा है या महिलाओं को सड़कों पर कोड़े मारे जा रहे हैं तो वे क्यों चुप हैं। आतंकवाद के खिलाफ भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा में निवेश की आवश्यकता है। हमें हथियार के रूप में किताब-कलम चाहिए।
प्रधानमंत्री बनने का सपना
मलाला ने कहा कि वह एक दिन पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद रखती हैं। उन्होंने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को अपने लिए बड़ी प्रेरणा बताया। मलाला ने कहा, अनेक लोग नहीं मानते कि कोई महिला नेता हो सकती है लेकिन बेनजीर ने यह कर दिखाया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह बेनजीर की तरह प्रधानमंत्री बनना चाहेंगी, मलाला ने कहा, अगर लोग मतदान करें तो।
शिक्षा के लिए संघर्ष
मलाला ने कहा, मेरा सपना लोगों को शिक्षा हासिल करने में मदद करना है। पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करने के दौरान उनको तालिबान आतंकियों ने अक्तूबर 2012 को सिर में गोली मार दी थी। लेकिन वह बचा ली गईं। उनके जीवन पर एक फिल्म बन रही है। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं को अपनी पहचान के अधिकार और लड़कियों को शिक्षा से वंचित किए जाने को बर्दाश्त नहीं कर सकतीं।