भाजपा के बहिष्कार के साथ हुआ महापौर का स्वागत समारोह,प्रभारी मंत्री ने महापौर को बताया गलत जगह पर..
रतलाम,26 जनवरी (इ खबरटुडे)। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में महापौर डॉ.सुनीता यार्दे द्वारा आयोजित स्वागत समारोह,भाजपा पार्षदों के बहिष्कार की छाया में सम्पन्न हुआ। समारोह में भाजपा का न तो कोई पार्षद मौजूद था,ना ही कोई अन्य नेता। इसी के चलते समारोह में मौजूद प्रभारी मंत्री सचिन यादव ने अपने सम्बोधन में यह टिप्पणी भी कर दी कि महापौर गलत जगह पर है।
निगम परिसर के फायर ब्रिगेड भवन में महापौर डॉ यार्दे द्वारा जिला प्रभारी मंत्री सचिन यादव के स्वागत में समारोह का आयोजन किया गया था। इस समारोह के आमंत्रण पत्र कल ही (शुक्रवार) को वितरित किए गए थे। कल देर रात को भाजपा के तमाम एमआईसी सदस्यों व अन्य भाजपा पार्षदों ने इस समारोह का बहिष्कार करते हुए इसे भाजपा का अपमान बताया था।
पुलिस लाइन पर आयोजित गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के बाद में नगर निगम के फायर ब्रिगेड भवन में स्वागत समारोह में मुख्य अतिथी प्रभारी मंत्री सचिन यादव करीब बारह बजे पंहुचे थे। उनके समारोह स्थल पर पंहुचने के बाद कार्यक्रम शुरु हुआ। प्रारंभ में महापौर समेत समारोह में मौजूद कांग्रेस पार्षदों व नगर निगम के अधिकारियों ने प्रभारी मंत्री का पुष्पहारों से स्वागत किया। महापौर डॉ.सुनीता यार्दे ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रभारी मंत्री के पिता स्व.सुभाष यादव व उनके (महापौर के)पिता बहुत अच्छे मित्र थे और आज बरसों बाद उन्हे सचिन यादव का स्वागत करने का मौका मिला है। महापौर डॉ यार्दे ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रभारी मंत्री से कम से कम पचास करोड रु. की राशि नगर निगम के विकास कार्यो के लिए उपलब्ध कराने की मांग भी कर डाली।
महापौर गलत जगह पर-यादव
प्रभारी मंत्री सचिन यादव ने अपने सम्बोधन में जहां कांग्रेस सरकार की खूबियां गिनाई,वहीं बातों बातों में महापौर के कार्यक्रम का भाजपा द्वारा बहिष्कार किए जाने पर तंज भी कसा। श्री यादव ने महापौर जी को कहा कि आप गलत जगह पर हो। उनका इशारा महापौर की पार्टी यानी भाजपा को लेकर था। प्रभारी मंत्री के इस तंज पर कार्यक्रम में मौजूद अतिथी और अन्य लोग ठहाकें लगाने लगे।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार कथन की सरकार नहीं है बल्कि वचन की सरकार है। हमने जितने वचन किए थे,उन्हे पूरा किया है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार मिलजुल कर विकास के कार्यों को आगे ले जाएगी।
कांग्रेस के तमाम नेता,भाजपा का कोई नहीं
महापौर डॉ यार्दे द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस के तमाम नेता मौजूद थे। इनमें ऐसे कई नेता भी थे,जो आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में नजर नहीं आते। लेकिन भाजपा का ना तो कोई पार्षद और ना ही पार्टी का कोई पदाधिकारी इस समारोह में मौजूद था। शहर विधायक चैतन्य काश्यप भी इस कार्यक्रम से दूर ही रहे। कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुर्शीद अनवर विशेष रुप से मौजूद थे,जबकि श्री अनवर ने लम्बे समय से इस प्रकार के राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बना रखी थी। समारोह में रतलाम झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया,पारस सकलेचा,यास्मीन शैरानी,महेन्द्र कटारिया,वासिफ काजी,सतीश पुरोहित,तरणी व्यास,मंसूर पटौदी,विनोद मामा,जोएब आरिफ,राजेश भरावा,फैयाज मंसूरी समेत अनेक कांग्रेस पार्षद मौजूद थे। भाजपा का कोई नेता इस कार्यक्रम में नहीं था,लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष परमेश मईडा कार्यक्रम में मौजूद थे। वे करीब बीस मिनट तक खडे रहे,तब जाकर उन्हे मंच की ओर कुर्सी पर बैठाया गया।
फिजूलखर्ची बताकर बन्द की थी परंपरा
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस समारोह के अतिथियों का स्वागत नगर निगम महापौर द्वारा किए जाने की पंरपंरा विगत कई वर्षो से जारी थी। परन्तु डॉ.सुनीता यार्दे के महापौर निर्वाचित होने के बाद श्रीमती यार्दे ने पर्याप्त बजट नहीं होने का हवाला देकर इस कार्यक्रम को फिजूलखर्ची बताते हुए बन्द कर दिया था। डॉ.यार्दे के पूरे कार्यकाल में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में कभी स्वागत समारोह आयोजित नहीं किया गया। परन्तु इस बार प्रदेश सरकार बदलने के बाद महापौर द्वारा प्रभारी मंत्री का स्वागत समारोह आयोजित किया जाना भाजपा पार्षदों को अखर गया। समारोह का बहिष्कार करने वाले भाजपा पार्षदों का कहना था कि भाजपा सरकार के वक्त स्वागत समारोह को फिजूलखर्ची बताना और कांग्रेस सरकार के आते ही स्वागत समारोह का आयोजन करना सीधे सीधे भाजपा का अपमान है।
संगठन से नहीं ली राय-उपाध्याय
भाजपा के जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि महापौर जी ने स्वागत समारोह करने से पूर्व ना तो एमआईसी सदस्यों से कोई राय मशविरा किया और ना ही पार्टी संगठन से कोई चर्चा की। उन्होने जब इस परंपरा को बंद किया था,तब भी यह उनका स्वयं का निर्णय था। भाजपा के पार्षदों ने इस आयोजन के बहिष्कार के सम्बन्ध में भी पार्टी संगठन से कोई चर्चा नहीं की। हांलाकि महापौर जी द्वारा संगठन के पदाधिकारियों को औपचारिक आमंत्रण पत्र तो भिजवाए,लेकिन व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित नहीं किया था।
सवालों से बचती रही महापौर
कार्यक्रम समाप्ति के बाद जब मीडीयकर्मियों ने महापौर सुनीता यार्दे से चर्चा करने की कोशिश की तो वे सवालों से बचने की कोशिश करती रही। उनसे पूछा गया कि जब पहले इस आयोजन को उन्होने फिजूल खर्ची बताया था,तो अब वे आयोजन के लिए कैसे तैयार हो गई। उनसे यह भी पूछा गया कि भाजपा पार्षदों ने इसका बहिष्कार किया,तो क्या आपने पार्षदों से इस बारे में चर्चा की? महापौर श्रीमती यार्दे इन सवालों को टालती रही। उन्होने सवालों का उत्तर देने की बजाय कहा कि आज गणतंत्र दिवस है,इसकी खुशियां मनाईए। बाकी सवालों का जवाब मैं बाद में दूंगी।