थाईलैंड रेस्क्यू: जिंदगी और मौत से जूझकर गुफा से बाहर निकलने के बाद सूचना मिली पिता का निधन हो गया
सिडनी,11 जुलाई (इ खबर टुडे)।थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 लड़कों और उनके कोच को सफलतापूर्वक बाहर निका
ल लिया गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर दुनियाभर की नजर थी। इस ऑपरेशन मेें विश्वभर से करीब 20 विशेषज्ञों की टीम इसका हिस्सा थी, जिनके अथक प्रयास के बाद बच्चों की जिंदगी बचाई गई। इस टीम में पुलिस के गोताखोर, नेवी गोताखोर के साथ-साथ डॉक्टर्स भी शामिल थे। इनमे से एक थे डॉक्टर रिचर्ड हैरिस।
डॉक्टर हैरिस एक ऑस्ट्रेलियन डॉक्टर हैं, और रेस्क्यू टीम के वे ऐसे शख्स थे जो सबको सकुशल बाहर निकालने के बाद सबसे अंत में गुफा से बाहर आए। लेकिन बाहर आते ही उन्हें वो खुशी नहीं हुई जो उन्हें होनी चाहिए थी दरअसल जिंदगी और मौत से जूझकर गुफा से बाहर निकलने के बाद उन्हें सूचना मिली कि उनके पिता का निधन हो गया है। जब वे गुफा के अंदर थे तो उन्होंने अपने पिता से बात की थी लेकिन जब वे बाहर आए तो उन्हें ये दुखद सूचना मिली। एक तरफ जहां सारी दुनिया इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन का जश्न मना रही है वहीं उनके लिए दुख की घड़ी है।
निकले थे छुट्टियां मनाने, लेकिन…
ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड के एनेस्थेटिस्ट डॉ. हैरिस अपनी छुट्टियां मनाने निकले थे लेकिन इसी दौरान उन्हें थाईलैंड के गुफा में फंसे 12 फुटबॉल प्लेयर्स और उनके कोच की मदद के लिए कॉल करके बुला लिया गया। उन्हें अंदर फंसे लड़कों को मेडिकल सुविधा देने के लिए बुलाया गया। हैरिस नेे गुफा के अंदर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा और उनके बाहर निकलने के कई घंटों बाद वे गुफा से बाहर निकले। जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश गोताखोरों के द्वारा उनका नाम सुझाए जाने के बाद उन्हें उस जगह पर मदद के लिए बुलाया गया था। ब्रिटिश गोताखोरों के मुताबिक डॉ. हैरिस को 30 साल का मेडिकल ऑपरेशन का अनुभव है।
डॉ. हैरिस का मल्टीटैलेंटेड होना बेहद काम आया
डॉ. हैरिस गुफा के अंदर फंसे लड़कों की मेडिकल जांच के बाद बता रहे थे कि किसे गुफा के अंदर जल्दी बाहर निकाले जाने की जरुरत है और कौन अभी इंतजार कर सकता है। ऑस्ट्रेलियन मेडिकल असोसियेशन का कहना है कि इस दौरान डॉ. हैरिस ने अपनी जान को खतरे में रखकर उन लड़कों की मदद की।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि डॉ. हैरिस एक अमेजिंग डॉक्टर और बेहतरीन इंसान हैं। इतना ही नहीं उनमें मेडिकल स्किल्स के साथ ही साथ गोताखोर वाली भी स्किल्स थी। और उनका ये अनुभव लड़कों को सकुशल बाहर निकालने के बेहद काम आया। एक तरह से उन्हें इस रेस्क्यू ऑपरेशन का हीरो कहा जा सकता है।