January 30, 2025

उजागर होने लगी चुनाव व्यवस्थाओं की गडबडियां

lok sabha elections 2014 dates

बिना टेण्डर दे दिए गए लाखों के काम,नवागत कलेक्टर ने रोके भुगतान

रतलाम,21 अप्रैल (इ खबरटुडे)। विधानसभा चुनाव और वर्तमान लोकसभा चुनाव की व्यवस्थाओं में की गई गडबडियां अब उजागर होने लगी है। चुनाव में लाखों रुपए के काम बिना टेण्डर दे दिए गए थे। नवागत कलेक्टर ने इनके भुगतान पर रोक लगा दी है। गडबडियों के उजागर होने और कलेक्टर के सख्त रवैये के चलते कर्मचारी लामबन्द भी हुए थे,लेकिन बाद में कर्मचारी पीछे हट गए।
उल्लेखनीय है कि विगत विधानसभा चुनाव में और वर्तमान लोकसभा चुनाव में पूर्व कलेक्टर राजीव दुबे के रतलाम में रहने तक चुनाव व्यवस्थाओं में कई प्रकार की अनियमितताएं की गई थी। गत विधानसभा चुनाव में विभिन्न मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर रेकार्डिंग करवाने,एमसीएमसी का कंट्रोल रुम बनाने जैसे विभिन्न कार्यों के लिए बिना टेण्डर निकाले काम दे दिए गए थे। इसी तरह मतगणना केन्द्र पर मुख्यद्वार से गणनाकक्षों तक बेवजह बैरिकेटिंग करवाई गई थी,जिस पर बडी रकम खर्च की गई थी। कलेक्टोरेट सूत्रों के मुताबिक आमतौर पर तीन लाख रुपए तक के काम तो बिना टेण्डर के दिए जा सकते हैं,लेकिन इससे अधिक राशि के कामों के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य होती है। सूत्रों के मुताबिक मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और रेकार्डिंग करने का काम ग्यारह लाख रुपए में दिया गया था,लेकिन इसके लिए कोई टेण्डर जारी नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक यह कार्य इससे काफी कम राशि में करवाया जा सकता था।
इन्ही कार्यों में से एक कार्य के बिल के भुगतान की फाइल कलेक्टर डॉ.संजय गोयल के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। जब फाइल सामने आई तब कलेक्टर ने इस कार्य के लिए जारी किए गए टेण्डर आदि की जानकारी मांगी। निर्वाचन कार्य में पदस्थ कर्मचारी यह जानकारी दे नहीं पाए। इसी बात से नाराज कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने कर्मचारी को तगडी फटकार लगाई। कलेक्टोरेट सूत्रों के मुताबिक कलेक्टर की फटकार से खफा कर्मचारी ने अन्य कर्मचारियों को लामबन्द किया और इस सम्बन्ध में चर्चा करने कलेक्टर के पास पंहुच गए। कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने कर्मचारियों से कहा कि यदि उनकी किसी बात से किसी कर्मचारी को बुरा लगा है,तो वे आगे से इसका ध्यान रखेंगे,लेकिन बिल तो तभी स्वीकृत करेंगे जब कि पूरी फाइल सामने आएगी। कलेक्टर द्वारा नियमों का हवाला दिए जाने के बाद कर्मचारी भी पीछे हट गए।
बहरहाल,विधानसभा और लोकसभा चुनाव की व्यवस्थाओं में पूर्व कलेक्टर राजीव दुबे के कार्यकाल में हुई अनियमितताएं अब उजागर होने लगी है। आने वाले दिनों में ऐसी कई और अनियमितताएं सामने आ सकती है। यह देखना रोचक होगा कि इन गडबडियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की जाती है?

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