अब 5 जी इंटरनेट की दुनिया में परचम लहराएगा भारत, ट्रांसमिशन और DTH सेवाओं में आएगी तेजी
नई दिल्ली,17 जनवरी (इ खबर टुडे)।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ISRO) ने बताया कि जीसैट-30 सैटेलाइट ने भारतीय समयानुसार देर रात दो बजकर 35 मिनट पर दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर फ्रांसीसी क्षेत्र कौरो के एरियर प्रक्षेपण परिसर से उड़ान भरी.
एरियन 5 यान ने करीब 38 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित किया. इसरो ने ट्वीट किया, ‘जीसैट 30 एरियन 5 के ऊपरी चरण से सफलतापूर्वक अलग हो गया.
GSAT-30 का वजन लगभग 3100 किलोग्राम का है. इसरो के मुताबिक, GSAT-30 उपग्रह INSAT-4 की जगह काम करेगा. इसकी कवरेज क्षमता इनसैट-4 से ज्यादा होगी. जीसैट-30 15 सालों तक पृथ्वी के ऊपर भारत के लिए काम करता रहेगा. इससे भारत की कम्युनिकेशन सर्विस को और मजबूती मिलेगी. यह सैटेलाइट DTH, टेलीविजन अपलिंक और वीसैट सर्विस के कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
GSAT-30 से आपदाओं की पूर्व सूचना और उसके रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी मिलने में आसानी होगी.
जीसैट-30 के कम्युनिकेशन पेलोड गको की मदद से टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटेलाइट खबर संग्रहण (DSNG) जैसी सेवाओं के संचार में मदद मिलेगी. मौसम संबंधी जानकारी जुटाने में भी यही सैटेलाइट इस्तेमाल की जाती है.
इसरो ने बताया गया कि यह सैटेलाइट केयू बैंड में भारतीय मुख्य भूमि और द्वीपों को सी बैंड में खाड़ी देशों, बड़ी संख्या में एशियाई देशों और आस्ट्रेलिया को कवरेज प्रदान करता है.