उत्तराखंड टनल मामला : मजदूरों के जल्द निकलने की उम्मीद, दिल्ली से पहुंची विशेषज्ञों की टीम
उत्तरकाशी,23नवम्बर(इ खबर टुडे)। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 12 दिनों से फंसे 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। रातभर ऑगर मशीन से खुदाई चली, जिसमें 45 मीटर Horizontal खुदाई के बाद लोहे का एक सरिया आ गया, जिससे ड्रिंलिग में रुकावट पैदा हो गई, लेकिन अब इस रुकावट को दूर कर लिया गया है।
ज़िलाधिकारी के बताया की वो लोहे का सरिया अब हट चुका है और फिर खुदाई शुरू हो चुकी है। मलबे में अब सिर्फ 12 मीटर की खुदाई बाकी है, जो तीन से चार घंटे में पूरी हो सकती है, जिसके बाद मजदूरों को बाहर निकाला जा सकेगा।
इस बीच दिल्ली से कुछ विशेषज्ञ भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं, जो किसी तरह की बाधा में मदद करेंगे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान पहले पाइप से टनल में जाएंगे और वहां से ज्यादा कमज़ोर मज़दूर या जिनकी उम्र थोड़ी ज़्यादा है, उनको पहले बाहर निकालने की योजना है। मौके पर एंबुलेंस भी तैनात है, जिससे सुंरग से निकाले जाने के बाद मज़दूरों को अस्पताल ले जाने की तैयारी है, जिसके लिए चिन्यालीसौड़ में एक सामुदायिक भवन में 41 बेड वाला एक विशेष अस्पताल भी तैयार किया गया है और टनल से लेकर अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है यानी हर स्तर पर मज़दूरों को सुरक्षित बचाने की तैयारियां हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कल शाम से उत्तरकाशी में मौजूद हैं।
आपको बता दें कि सुरंग में करीब 57 मीटर में मलबा गिरा हुआ है, जिसकी दूसरी तरफ़ मज़दूर फंसे हुए हैं। 800 मीटर के लोहे के पाइप मलबे के बीच से डाले जा रहे हैं और जब ये दूसरी ओर पहुंच जाएंगे तो इसके भीतर से मज़दूरों को निकाल लिया जाएगा। व्हील वाले स्ट्रेचर के जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा। मजदूरों को स्ट्रेचर्स पर लिटा कर बाहर खींचे जाने की तैयारी है।
उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद भी उत्तरकाशी में हैं, एनडीआरएफ के ‘सेकंड इन कमांड’ रवि शंकर बधानी ने बताया कि एनडीआरएफ के जवानों ने इसका अभ्यास कर लिया है कि कैसे पाइप के जरिए मलबे के दूसरी ओर जाना है जहां मजदूर फंसे हैं।