बजट पर टिकी व्यापारियों की निगाहें, कैट पदाधिकारी बोले- राहत की उम्मीद
भोपाल 01फ़रवरी(इ खबरटुडे)। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान आवश्यक सामानों की आपूर्ति को बनाए रखने में व्यापारियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके बावजूद विभिन्न आर्थिक पैकजों में उद्योग-व्यापार क्षेत्र के लिए कोई भी आवंटन न होने से निराश कारोबारियों को संसद में आज प्रस्तुत होने जा रहे आम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार अपनी आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए संभवत: कुछ कर लगाने की घोषणा कर सकती है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि कर कहां लगेगा और उसका व्यापार एवं उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
कैट पदाधिकारियों का कहना है कि बजट में एक नेशनल ट्रेड पॉलिसी फॉर रिटेल ट्रेड, ई-कॉमर्स पॉलिसी एवं एक ई-कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन तथा एक वॉलेंटरी डिस्क्लोज़र स्कीम (वीडीएस) भी घोषित होनी जरूरी है, लेकिन वीडीएस स्कीम के अंतर्गत घोषित करने वालों से कोई पूछताछ न होने का आश्वासन भी दिया जाना आवश्यक है।
कैट के प्रदेश अध्यक्ष जैन ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली जो बेहद जटिल हो गई है, उसके सरलीकरण की नीति भी बजट में घोषित हो। वहीं दूसरी ओर व्यापारियों पर लगे सभी प्रकार के कानूनों की समीक्षा के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा भी बजट का हिस्सा हो सकती है।
देश में घरेलू व्यापार पर लगे लगभग 28 तरह के लाइसेंस के स्थान पर आधार की तरह केवल एक लाइसेंस लागू करने की घोषणा भी बजट में होनी चाहिए। वहीं ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए भी एक व्यापक योजना बजट का हिस्सा हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर जवानों तथा देश के सभी राज्यों की पुलिस के लिए एक विशेष कोष की स्थापना की घोषणा भी बजट में हो। जिसमें देश के नागरिक स्वेच्छा से धन दें और वो दिया हुआ धन आयकर से मुक्त होना चाहिए।
सरकार सभी विभागों को ई-सिस्टम से जोड़ चुकी है इस दृष्टि से सभी कर एवं अन्य कानूनों की समय पर पालना के लिए जरूरी है कि व्यापारियों को भी कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से जोड़ा जाए। इस दृष्टि से व्यापारियों को कंप्यूटर एवं उससे सम्बंधित सामान खरीदने पर सरकार की ओर से सहायता देने का प्रविधान भी बजट की एक उम्मीद है।
वहीं देश के रिटेल व्यापार के वर्तमान स्वरूप के आधुनिकीकरण के लिए भी सरकार की कोई सहायता योजना समय की मांग है। देश के निर्यात व्यापार को ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ाने के लिए व्यापारियों एवं अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने की योजना भी बजट में घोषित हो तो बेहतर है।