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अब नहीं होगी डेड बॉडी की बेकद्री : शव रखकर प्रदर्शन किया तो तीन साल जेल

haryana news:बहुत से मामलों में विवाद होने पर काफी लोग शव को सड़क पर रखकर अपनी मांग मनवाने का प्रयास करते थे। इससे शवों की बेकद्री हो रही थी। लोग भावनाओं को भूलकर केवल प्रदर्शन और अपनी मांग पूरी करने पर ही ​अडिग रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। अब यदि शव रखकर प्रदर्शन किया तो तीन साल तक जेल हो सकती है।


हरियाणा विधानसभा में शव सम्मान विधेयक पारित किया है। नए विधेयक के अनुसार अब शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई व्य​क्ति या समूह अब ऐसा करेगा तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल तक जेल काटनी पड़ सकती है। इसके अलावा उस पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। या फिर दोनों भी हो सकते हैं।


हरियाणा में अब तक सैकड़ों मामले ऐसे आ चुके हैं, जब लोगों ने शव को सड़क के बीच में रखकर प्रदर्शन किया और अपनी मांग रखी। इसमें कई बार हत्यारों को पकड़ने के लिए ऐसा तरीका अपनाया जाता है ताकि पुलिस प्रशासन दबाव में काम करे। इसके अलावा कुछ ऐसे मामले होते थे, जब पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने या पुलिस की गोली लगने से किसी की मौत हो जाती थी। ऐसे में लोग शव को सड़क पर रखकर अपनी मांग मनवाते थे। इन लोगों में काफी गुस्सा होने के कारण इनको मनाने के प्रयास किए जाते थे। कई बार तो शव को एक-एक सप्ताह तक लोग सड़कों पर रखे रहते थे। ऐसे में शव की ​बेक्रदी होती थी और भावनाएं भी आहत होती हैं। अब सरकार ने मृत शरीर की बेकद्री रोकने के लिए यह विधायक पारित किया है। यह विधेयक राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के माध्यम से केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।


मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यह बिल सदन में रखते हुए कहा कि शव की बेकद्री के कारण बहुत परेशानी होती है। जब व्य​क्ति यह शरीर छोड़ता है तो उसका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होना चाहिए। वहीं कुछ लोग अपनी मांगें मनवाने के लिए शव का प्रयोग करते हैं और उसे सड़क पर रखे रहते हैं। ऐसे में शव का सम्मान नहीं हो पाता। इसलिए यह विधेयक लाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि शव को उसके रिश्तेदार स्वीकार नहीं करते हैं तो संबं​धित थाना प्रभारी उसका अंतिम संस्कार करवाएंगे। यदि कोई व्य​क्ति प्रदर्शन करता है या फिर उसके साथ कोई समूह है तो उनको छह महीने से लेकर एक साल तक की कैद और एक लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा।


मनोहरलाल सरकार में भी आया था विधेयक
यह विधेयक पिछले साल भी विधानसभा में रखा गया था। उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल थे। विधानसभा में पास होने के बाद यह बिल राज्यपाल की तरफ से राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर कुछ आप​त्तियां लगाते हुए बिल को वापस लौटा दिया था। अब इसमें संशोधन करके इसे फिर से भेजा जाएगा। झज्जर से विधायक गीता भुक्कल और बीबी बतरा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अ​धिनियम लागू होने के चलते नया विधेयक तैयार करना पड़ा। शव को 20-20 दिन सड़कों पर रखना कोई उचित नहीं है। इसलिए यह विधेयक तैयार करना पड़ा।


उकसाने वालों को भी सजा का प्रावधान
इस विधेयक में इस बात का ध्यान भी रखा गया है कि शव को सड़क पर रखने के लिए परिजनों को किसने उकसाया है। यदि कोई व्य​क्ति सही तरीके से शव का अंतिम संस्कार नहीं करता है तो उस पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। यह जांच में सामने आया कि शव को सड़क पर रखने के लिए किसी ने उकसाया है तो उस व्य​क्ति को भी सजा होगी। शव लेने के लिए यदि परिजन कोई ठोस कारण बताते हैं तो शव के अंतिम संस्कार के समय को 24 घंटे के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए मजिस्ट्रेट से मंजूरी जरूरी होगी। नहीं तो शव का 12 घंटे में ही अंतिम संस्कार करना अनिवार्य होगा। यदि कोई भी व्य​क्ति शव की बेकद्री करने का प्रयास करेगा तो संबं​धित थाना प्रभारी ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उप​स्थिति में शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए अ​धिकारी होगा।

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