न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के प्रयास रंग लाए,डेढ साल पहले नेपाल से भटक कर रतलाम पंहुची बालिका को नेपाल पहुंचाया
रतलाम,22 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। करीब डेढ साल पहले नेपाल से भटक कर रतलाम पंहुची सौलह वर्षीय बालिका को बाल कल्याण समिति न्यायपीठ के लगातार प्रयासों के बाद नेपाल में उसके परिजनों के पास भेजने में सफलता प्राप्त हुई है। बाल कल्याण समिति को नेपाली बालिका को फिर से उसके परिजनों के पास भिजवाने के लिए कई जटिल प्रक्रियाओं को पूरा करना पडा।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सुधीर निगम ने बताया कि विगत 1 जुलाई 2021 को एक सौलह ïवर्षीय बालिका चांदनी (परिवर्तित नाम) रेलवे चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया था। यह बालिका रेलवे चाइल्ड लाइन को उत्तर प्रदेश से रतलाम आई एक ट्रेन में मिली थी। बाल कल्याण समिति ने चांदनी को अस्थाई निवास हेतु बालिका गृह में रखने हेतु आदेशित किया था।
बालिका गृह में चांदनी से जानकारी लेने पर पता चला कि वह मूल रुप से नेपाल की रहने वाली है और अपने परिजनों के साथ मजदूरी करने उत्तर प्रदेश में आई थी। उत्तर प्रदेश में किसी गलत ट्रेन में बैठ गई और रतलाम आ पंहुची। चांदनी से उक्त जानकारियां मिलने पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सुधीर निगम ने चांदनी को नेपाल पंहुचाने के लिए प्रयास प्रांरभ किए।
चांदनी का स्थाई निवास नेपाल का होने से किशोर न्याय अधिनियम 2015 के(आदर्श नियम 2016) के नियम 81 (5) के अनुसार बालिका के प्रत्यावर्तन के संबंध में भारत सरकार के ग्रह मंत्रालय और विदेश विभाग की अनुमति आवश्यक होने से जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रतलाम को पत्र जारी किया गया था ताकि बालिका को अपने घर पंहुचाया जा सके ।
बल कल्याण समिति के प्रयासों के बाद दिनाक 08दिसम्बर को पत्र के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि बालिका का प्रत्यावर्तन करने हेतु केन इंडिया के प्रतिनिधि को अधिकृत किया गया है। चांदनी को केन इंडिया के प्रतिनिधि नविन जोशी और सुश्री लक्ष्मी खाड़का को हैंडओवर किया जाना है। यह पत्र प्राप्त होने के बाद चांदनी को आज 22दिसम्बर को बाल कल्याण समिति रतलाम द्वारा केन इंडिया के प्रतिनिधि नवीन जोशी और सुश्री लक्ष्मी खाड़का के मार्गरक्षण में देने का आदेश किया गया। उक्त दोनों प्रतिनिधि चांदनी को लेकर पहले दिल्ली जायेंगे वंहा से नेपाल सरकार के माध्यम चांदनी के घर माता पिता को सुपुर्द करेंगे ।
अध्यक्ष बाल कल्याण समिति सुधीर निगम ने बताया ये नियम
बालकल्याण समिति से पत्र जिला बाल संरक्षण महिला बाल विकास रतलाम को
इनका पत्र राज्य सरकार को जाता है
फिर राज्य सरकार दिल्ली सरकार को पत्र भेजती है
फिर दिल्ली सरकार नेपाल सरकार के राजदूत (अंबेसी )को पत्र भेजती है
नेपाल के राजदूत अपनी सरकार से बात कर जिला कलेक्टर से स्थानीय निवासी हे या नहीं जांच करवाती है
जांच कर नेपाली कलेक्टर द्वारा एंबेसी को जानकारी दी जाती हे पत्र के माध्यम से
नेपाल एंबेसी भारत सरकार को जानकारी पत्र देती है
भारत सरकार फिर राज्य सरकार को पत्र भेजती है
फिर राज्य सरकार जिला अधिकारी को पत्र भेजती हैं
फिर जिला अधिकारी बाल कल्याण समिति को पत्र भेजेगी
बाल कल्याण समिति रतलाम (मध्य प्रदेश) आदेश बनायेगी
ये रहे उपस्थित
चांदनी को नेपाल के लिए रवाना करने के समय बाल कल्याण समिति सदस्य श्रीमती श्वेता पंड्या श्रीमति ममता चौहान दीपक तिवारी शंभू मांगरोदा बाल संरक्षण अधिकारी पवन कुंवर सिसोदिया CWC ऑपरेटर ममता मौर्य शांतु कटारा व प्रतिनिधि नवीन जोशी और सुश्री लक्ष्मी खड़का उपस्थित थे।