November 16, 2024

SCO समिट के लिए चीन रवाना हुए पीएम, आज होगी जिनपिंग से मुलाकात

नई दिल्ली,09जून (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के शहर चिंगदाओ में शुरू हो रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शीर्ष नेताओं की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो चुके हैं। यह बैठक भारतीय कूटनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होगी।

पीएम आज ही चिंगदाओ पहुंचेंगे। वहां एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के अलावा मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात तय है। इन दोनों नेताओं के साथ मोदी की एक महीने के भीतर दूसरी मुलाकात होगी। यह भारत की बदली कूटनीतिक सोच की तरफ भी इशारा करता है। भारत स्पष्ट तौर पर इंडो-पैसिफिक मुद्दे पर अपने सारे विकल्प खुले रखना चाहता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर में शांग्रीला डायलॉग में हिंद-प्रशांत सागर क्षेत्र में टकराव दूर करने के लिए जो फॉर्मूला दिया है उसकी तारीफ चीन में भी हो रही है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने स्वयं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मोदी के भाषण की तारीफ की है। ऐसे में एससीओ बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर कोई बड़ी घोषणा हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं।

यह होंगे मुद्दे
चीन की तरफ से इस बात के साफ संकेत दिए गए हैं कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर भारत की तरफ से उठाए गए कई मुद्दों को वह साझा करता है। इस बारे में वुहान में मोदी व चिनफिंग की बातचीत हुई थी और शनिवार को जब शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की द्विपक्षीय मुलाकात होगी तब भी यह मुद्दा उठेगा।

बीआरआई पर भारतीय रुख भी नरम
चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना को लेकर भारत के रुख में भी नरमी आई है। अब भारत का एतराज समूचे बीआरआई की बजाए इसके सिर्फ उस हिस्से को लेकर है जो गुलाम कश्मीर से होकर गुजर रहा है। मोदी और चिनफिंग के बीच अफगानिस्तान की विकास परियोजनाओं में साथ मिलकर हिस्सा लेने की तैयारी दोनों देशों के बीच बन रही सहमति का ही हिस्सा है।

इसका प्रस्ताव चीन के राष्ट्रपति की तरफ से ही मोदी के समक्ष रखा गया था। भारत ने पहले से ही अफगानिस्तान के 31 प्रांतों में 116 छोटी परियोजनाओं को चिह्नित किया है, जिनमें से कुछ का काम चीन की मदद से पूरा किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने दिखाया उत्साह
चीन रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “पूर्ण सदस्य के रूप में काउंसिल (एससीओ) के हमारे पहले सम्मेलन के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए मैं बेहद उत्साहित हूं। वार्षिक एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए 09 और 10 जून को मैं चीन के क्विंगदाओ में रहूंगा। पूर्ण सदस्य के रूप में यह भारत का पहला एससीओ सम्मेलन होगा।

एससीओ देशों के नेताओं के साथ बातचीत होगी और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद पिछले एक साल में इस संगठन और इसके सदस्य देशों के साथ हमारा संवाद बढ़ा है। मुझे विश्वास है क्विंगदाओ सम्मेलन एससीओ के एजेंडे को और समृद्ध करेगा।”

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