May 5, 2024

Raag Ratlami Land Mafia : राजवंश की आखरी निशानी बेशकीमती लोकेन्द्र भवन को हडपने के लिए फिर से सक्रिय हुआ कुख्यात भू माफिया/सरकार ने किया करोडो का कब्ज़ा

-तुषार कोठारी

रतलाम। यूं तो शहर में ढेरों भू माफिया है,लेकिन खुद को राजाओं का इन्द्र समझने वाला भूमाफिया सबसे अनोखा है। कहने को तो इसने शहर में कई सारी कालोनियां बनाई है,लेकिन हर कालोनी में चोरी चकारी के किस्से भी जुडे हुए है। इसने अपनी खूनी नजरें राज सम्पत्ति पर भी गडाई थी। कभी रतलाम की शान रहे लोकेन्द्र भवन को हडपने के लिए इसने दुनिया जहान की कलाकारिता दिखाई थी। इस इमारत को कब्जे में लेने के बाद इसकी जमीनों की बंदरबांट का खेल इसने शुरु भी कर दिया था और लोकेन्द्र भवन के सामने एक और इमारत तानने का काम भी चालू हो गया था। लेकिन जिला इंतजामिया के पहले वाले बडे साहब ने इस पर रोक लगा दी थी। लम्बे वक्त से काम रुका पडा था। लेकिन भूमाफिया अब फिर से सक्रिय हो गया है। रुके हुए काम को फिर से चालू करने के लिए कोशिशें शुरु हो चुकी है।

रतलाम राजवंश की बेशकीमती जायदादों को हडपने की तमाम कोशिशें होती रही है। इन जायदादों में से लोकेन्द्र भवन आखरी महाराजा के नाम की आखरी निशानी है। इस पर कब्जा जमाने के लिए इस भूमाफिया ने तमाम हथकण्डे अपनाए। इन्दौर वाली बडी अदलिया से एक फरमान हासिल कर दस्तावेज तक तैयार करवा लिए। हांलाकि दस्तावेज करवाने में भी इसने बडा घोटाला किया। बडी अदलिया ने जिस नाम पर दस्तावेज तैयार करने का हुकुम दिया था,उस हुक्म को ताक पर रख कर दस्तावेजों में हेर फेर करते हुए इसने नए नाम से दस्तावेज बनवा लिए। इन सारी फितरतों के बावजूद, इस बेशकीमती इमारत पर इसका असली हक कभी नहीं बन पाया। बस इसी आधार पर पिछले वाले बडे साहब ने इसका काम रुकवा दिया था। ये दोबारा से इन्दौर वाली बडी अदलिया के पास पंहुचा,लेकिन इसे वहंा से भी कोई राहत हासिल ना हो सकी।

इधर जिला इंतजामिया में जैसे ही नए साहब आए,इसकी फितरतें फिर से शुरु हो गई। इसे लगा कि नए वाले बडे साहब इसका मामला सुलझा देंगे। बस फिर क्या था? भू माफिया ने नए सिरे से दरख्वास्त लगा दी कि काम पर लगाई गई रोक हटा दी जाए,ताकि ये शहर की इस बेशकीमती धरोहर को ठिकाने लगा सके।

लेकिन खुद को राजाओं का इन्द्र समझने वाले इस भूमाफिया को पता नहीं है कि बडे साहब को इसकी चोरी चकारी के तमाम किस्सों की जानकारी है। इसी लोकेन्द्र भवन में बच्चों के सरकारी उद्यान की जमीन को यह भूमाफिया निजी बताकर बेच चुका है। इतना ही नहीं नगर निगम की कई सारी सरकारी जमीनों को भी यह निजी बताकर बेच चुका है। जिला इंतजामिया के गलियारों में भूमाफिया के किस्सों की चर्चा जोरों पर है। बडे साहब ने भी चोरी चकारी करने वाले इस भू माफिया के तमाम कारनामों की फाईलें खुलवाना शुरु कर दी है। आने वाले दिनों में भू माफिया की नई कहानियां सुनने को मिलेगी।

करोडो का कब्जा -आडिटोरियम की मांग

आखिरकार मिशन कम्पाउण्ड की करोडों की जमीन पर सरकार का कब्जा हो ही गया। सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहने वाले लोगों ने इंतजामिया की कार्रवाई को रोकने की कई कोशिशें की थी,लेकिन ये कोशिशें कामयाब नहीं हो पाई। इन्दौर की बडी अदलिया से भी कब्जेदारों को कोई राहत नहीं मिल पाई। इंतजामिया के बडे साहब ने कुछ महीनों पहले इस जमीन को खाली कराने की मुहिम शुरु की थी,लेकिन वहां रहने वाले इन्दौर की बडी अदलिया में जा पंहुचे। उन्होने अदालती आदेश की मदद से इंतजामिया को रोकने की कोशिश की। लेकिन आखिरकार अदालत ने जिला इंतजामिया के हक में फैसला सुना दिया और करोडों की कीमत वाली जमीन अब सरकारी कब्जे में आ गई है।

शहर के बीचों बीच करोडों की सरकारी जमीन मिलने के बाद अब इसके उपयोग की चर्चाएँ होने लगी है। फूल छाप के कद्दावर नेता सूबे के पुराने मंत्री वैसे तो खबरों में कम ही आते है,लेकिन जब आते है,तो किसी वजनदार बात के साथ आते है। उन्होने खबरचियों के जरिये सरकार से कहा है कि इस जमीन पर आडिटोरियम बनाना चाहिए। सूबे के मामा पहले शहर में एक शानदार आडिटोरियम बनाने का वादा भी कर चुके है,लेकिन इसके लिए कोई ठीक ठाक जगह नहीं मिल रही थी। सेठ का कहना है कि शहर के बीचो बीच आडिटोरियम के लिए इससे अच्छी कोई जगह नहीं हो सकती। सेठ ने कहा है तो उम्मीद है कि मामा जी इस पर जल्दी अमल करेंगे। हो सकता है,रतलामियों को जल्दी एक नई सौगात आडिटोरियम के रुप में मिल जाए।

मैडम गई साहब आए,मैडम आने वाली है….

जिला इंतजामिया के अफसरों का आना जाना लगा हुआ है। देहाती इलाके को देखने वाली मैडम महाकाल की नगरी में पंहुचा दी गई है और उनकी जगह नए साहब ने सम्हाल ली है। झाबुआ से आए नए साहब,इंतजामिया के लिए नए नहीं है। वे यहां लम्बा वक्त गुजार चुके है। नए साहब की इलाके में पुरानी पकड है। उनके आने से उनके दोस्तों में खुशी का माहौल है। जिला इंतजामिया में दो नम्बर की कुर्सी लम्बे वक्त से खाली पडी थी। अब इस कुर्सी के लिए भी एक नई मैडम को जिम्मेदारी दे दी गई है। हालांकि नई मैडम अब तक आई नहीं है। बताते है कि वे अगले हफ्ते तक आएगी। फिलहाल उनकी जिम्मेदारी,जिले की पंचायत वाली मैडम निभा रही है। नई मैडम के आने के बाद कामकाज रुटीन में आएगा।

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