Raag Ratlami Police Action : जनता को सडक पर उतरना पडा वर्दी वालों को जगाने के लिए,मुहिम तो चली लेकिन असर नदारद
-तुषार कोठारी
रतलाम। ऐसा शहर के इतिहास में पहली बार हुआ होगा जब वर्दी वालों को जगाने के लिए रतलामी बाशिन्दों को सड़क पर उतरना पडा हो। नशे के कारोबार की खबर पूरे शहर के पास थी,लेकिन वर्दी वाले इससे अनजान बने हुए थे। नशे के कारोबारी बेहिचक शहर की गलियों में पुडियाएं बेच रहे है,लोग देख रहे हैैं और वर्दी वाले बेखबर है।
आखिरकार शहर के जागरुक लोगों ने वर्दी वालों को जगाने के लिए सड़क पर उतरने का फैसला कर लिया। वर्दी वाले इस मामले में मौन बैठे थे,इसलिए सडक पर उतरने वालों ने भी मौन रहने का फैसला किया। लोग हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे। इन तख्तियों पर नशे के कारोबारियों पर सींखचों के पीछे भेजने की मांग लिखी हुई थी। जब नशे के कारोबार के खिलाफ लोग ही सड़कों पर उतर आए,तो अब वर्दी वालों को भी थोडी शर्म महसूस हुई।
वर्दी वालों के कप्तान ने फौरन अपने मातहतों की मीटींग बुलाई और तमाम अफसरों को नशे के कारोबार पर नकेल कसने का फरमान सुना दिया। लोगों को उम्मीद थी कि कप्तान के कडे रवैये के बाद शहर के गली कूचों में धडल्ले से बिक रही एमडी की गोलियां और गोलियों को बेचने वालों की जमकर धरपकड होगी। लेकिन ऐसा कुछ होता हुआ अब तक तो नहीं दिखा। वर्दी वालों ने कुछेक धरपकड तो की,लेकिन ये धरपकड गांजे और अवैध शराब जैसे मामलों में हुई। जुलूस निकालने वालों की मांग इससे भी बडे नशे के कारोबार पर नकेल कसने की थी।
कहने को तो वर्दी वाले महकमे ने नशे के कारोबार के खिलाफ मुहिम छेड दी है। लेकिन इस मुहिम का असर तो तब नजर आएगा,जब नशे के कारोबार की बडी मछलियां वर्दी वालों के जाल में फंसेगी। अब तक तो इस जाल में छोटी मछलियां ही पकडाई है। वर्दी वालों की इस मुहिम के पूरे असर के लिए कहीं लम्बा इंतजार ना करना पड जाए और कहीं लोगों को फिर से जुलूस ना निकालना पड जाए।
चोरों का आतंक……
चोरी चकारी का मसला अब लोगों को आतंकित करने की हद तक जा पंहुचा है। वर्दी वाले मेहनत मशक्कत करके किसी गिरोह को दबोचते है,तब तक पता चलता कि कोई नया गिरोह फिर से सक्रिय हो गया है। एक गिरोह को पकडने की खुशी कुछ पल भी नहीं टिक पाती कि चोरी की नई वारदात की खबर उस खुशी पर पानी फेर देती है। वर्दी वालों ने इण्डस्ट्रियल एरिया में हुई चोरी का पर्दाफाश किया और पांच चोरों को धर दबोचा। अभी इन बदमाशों से दूसरी वारदातों की पूछताछ होने ही लगी थी कि शहर में वाहन चोरी और दूसरी तरह की कई चोरी की वारदातें सामने आ गई।
वर्दी वाले इन चोरों की तलाश में तो जुटे है,लेकिन इन वारदातों पर सलीके से अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसा लगता है,जैसे प्रदेश भर के चोर बदमाशों में ये खबर फैल गई है कि रतलाम का इलाका उनके लिहाज से काफी मुफीद है और इसी वजह से दूर दूर के चोर गिरहकट रतलाम में आकर डेरा डाल चुके है। अगर सचमुच में ऐसा है,तो यह रतलामियों के लिए बेहद चिन्ताजनक बात है। वर्दी वालों के लिए तो ये बात और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। वर्दी वालों को इस मुश्किल से निजात पाने के लिए पहले से ज्यादा मशक्कत करना पडेगी,वरना आतंक का माहौल इसी तरह बना रहेगा।
सावन की सियासत
सावन का धार्मिक मास शुरु हो चुका है। भोले के भक्त सावन के व्रत उपवास आदि में व्यस्त है। शिवालयों में भीड उमड रही है। हर ओर धार्मिक वातावरण बना हुआ है। सियासती अखाडे के लोग इस मौके को भी गंवाना नहीं चाहते। मौका भी ऐसा है कि एक पंथ दो काज होने के पूरे चांस है। कुछ ऐसा किया जाए,जिससे सियासत भी चमके और धर्मलाभ भी हो जाए।
शहर के एक शिïव भक्त ने सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन भोले भक्तों को उज्जैन ले जाकर महाकाल बाबा के दर्शन कराने का संकल्प लिया है। बडी संख्या में भोले के भक्त महाकाल बाबा के दर्शनों का लाभ ले भी रहे है। भोले के भक्तों को महाकाल बाबा का दर्शन कराने से शिव भक्त को धर्मलाभ प्राप्त हो रहा है। चूंकि ये शिव भक्त सियासत से जुडे रहे है और जिले की पंचायत को सम्हाल चुके है,इसलिए लोग उनकी इस शिव भक्ति में भी सियासत ढूंढ रहे है। लोगों को लग रहा है कि महाकाल बाबा के दर्शन कराने से उन्हे सियासी फायदा भी होगा। सीधी सी बात है कि भोले की भक्ति,भक्त को लाभ तो देती ही है। अब लाभ राजनीति का हो या धर्म का। जो भी हो,शिव भक्त की इस पहल से अब दूसरे सियासती लोगों को भी एक नया रास्ता दिखाई देने लगा है।