Raag Ratlami Court Order : अदालती आदेश ने पानी फेरा पंजा पार्टी की उम्मीदों पर,जेल में परिवार के साथ जाने की तैयारी में है जमीनखोर
-तुषार कोठारी
रतलाम। हफ्ते का आखरी दिन बेहद तेज सरगर्मी वाला साबित हुआ। खबरचियों और सियासत से वास्ता रखने वाले तमाम लोगों की नजरें अदालत पर टिकी थी और अदालत ने सुबह सवेरे ही धमाका कर दिया। पंजा पार्टी के पहलवान नेता के साथ साथ फूल छाप के भी चुने हुए नेता समेत एक दर्जन से कुछ कम लोगों को कृष्ण जन्मस्थान भेजने का हुक्म जारी कर दिया।
कहानी यूं तो दस बरस पुरानी थी,लेकिन इसमें तड़का तब लगा था,जब शहर के प्रथम नागरिक को चुनने का मौका आया था। पंजा पार्टी की हालत जगजाहिर है। पंजा पार्टी के पास कोई दमदार चेहरा था नहीं,और जो दमदार था,उस पर अदालती तलवार लटकी हुई थी। फैसला तभी आने की तैयारी थी,लेकिन पंजा पार्टी को अपने दमदार दावेदार को मैदान में उतारना था,इसलिए काले कोट वाले कुछ महारथियों को बडी अदालत में लगाया गया और चुनाव से पहले होने वाले फैसले को चुनाव के बाद तक टलवा दिया गया।
चुनाव में फूल छाप ने इस मुद्दे को जोर शोर से उछाला। फूल छाप को इस मुद्दे का फायदा मिला या अपनी छबि की,जो भी हो शहर सरकार फूल छाप के कब्जे में आ गई और पंजा पार्टी के पहलवान प्रत्याशी तगडी टक्कर देने के बावजूद चुनाव नहीं जीत पाए।
लेकिन अब सवाल ये पूछा जाने लगा है कि पहले अगर कहीं पंजा पार्टी के पहलवान चुनाव जीत गए होते और ऐसा फैसला आ जाता तो क्या हालत होती। पूरे सूबे के इतिहास में पहली बार किसी प्रथम नागरि क को आदालती आदेश से जेल भेजा जाता। शहर के बाशिन्दे शुक्र मना रहे है कि ऐसा नहीं हुआ।
वैसे दूसरी तरफ फूल छाप की तरफ से चुनाव जीत कर नेता बने पहलवान को जेल जाना ही पडा है। शहर के एक वार्ड वाले अब नेताविहीन हो गए है। चुनावी इंतजाम करने वाला महकमा कुछ वक्त तो इंतजार करेगा लेकिन अगर उपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो शहर के इस वार्ड के लोगों को दोबारा चुनाव के मजे लेने का मौका मिल जाएगा। इधर फूल छाप वालों को अपने दल का नेता भी नए सिरे से चुनना पडेगा।
अदालती आदेश के सामने नजर आ रहे असर से बडा असर पंजा पार्टी पर पड रहा है,जो फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। पंजा पार्टी के कई सारे लोग अगले चुनाव में भी पहलवान को ही अखाडे में उतारने का मन बना रहे थे। चूंकि पहलवान ने पिछले चुनाव में फूल छाप को बेहतरीन कडी टक्कर दी थी,इसलिए पंजा पार्टी वालों को पहलवान से बडी उम्मीदे थी। लेकिन अदालती आदेश से पंजा पार्टी के तमाम मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दूसरी तरफ फूल छाप को बडा फायदा ये हासिल हो रहा है कि उसके सामने कोई बडी चुनौती ही नहीं बची है। अब पंजा पार्टी के पास ऐसा कोई मजबूत दावेदार नहीं है,जो फूल छाप को चुनावी अखाडे में बराबरी की टक्कर दे सके।
परिवार के साथ जेल जाने को तैयार जमीनखोर
जिला इंजामिया के बडे साहब ने जिले के जमीनखोरों का जीना हरान कर रखा है। अवैध कालोनियों के प्लाट सीधे साधे लोगों को बेच कर करोडों कमाने वाले अब डरे हुए है कि उनके खिलाफ एफआईआर करने की तैयारी हो रही है। वैसे इन जमीनखोरों में से कई की चमडी इतनी मोटी हो चुकी है कि उन्हे कोई शर्म नहीं आती।
खुद को राजाओं का इन्द्र समझने वाले शुभ के नाम से निर्माण करने वाले एक जमीनखोर की बीबी,बेटा और बहू तीनों के नाम अवैध कालोनी बनाने वालों में शामिल हो गए है। अब लोग कह रहे है कि जमीनखोर कितना समझदार है,कि जिसने जेल में भी पूरे परिवार के साथ ही जाने की तैयारी की है। ताकि जेल भी जाना पडे तो परिवार की कमी ना खले।
इस जमीनखोर की जादूगरी के किस्से पूरे सूबे में सुनाए जाते है। कुछ सालों पहले जमीनखोर से हवाई पïट्टी के पास कालोनी बनाने के लिए एयरपोर्ट वालों की फर्जी एनओसी लगा दी थी। एनओसी के फर्जी होने की जानकारी सामने आने पर कालोनी का मामला लटक गया,तो जमीनखोर ने अपनी जमीन एक दूसरे कालोनाईजर को टिका दी। जानकार लोगों का कहना है कि हवाई पट्टी के नजदीक का मामला फिर से अटक गया है और यहां कालोनी काटने का सपना देखने वाले कालोनाईजर की हालत खराब है।
डाक्टरी का नशा….
बच्चों का इलाज करने वाले एक डाक्साब इन दिनों बडी चर्चाओं में है। इन्हे नशे का बडा चस्का लग गया है। नशा डाक्टरी का है या कोई और लत है,ये खोज का विषय है,लेकिन बताने वाले बताते है कि बच्चों का नर्सिंग होम चलाने वाले इन डाक्साब को पहले नम्बरों के खेल का चस्का लगा और फिर एमडी के नशे का। इनकी मेमसाब भी इनकी हरकतों की वजह से इन्हे छोडकर चली गई है। डाक्साब के डाक्टर मा बाप भी हैरान परेशान है कि इस नशे का क्या इलाज करें…? पहले सरकारी अस्पताल के एक डाक्साब भी जुए और नशे की लत में दुनिया छोड चुके है,लोग पूछ रहे है ये डाक्साब भी कहीं उसी राह पर तो नहीं है?