विजयादशमी पर रा.स्व.संघ की शस्त्र पूजा संघ प्रमुख ने कहा – कुछ लोग नहीं चाहते भारत में शांति हो, कट्टरता से उन्माद फैलता है
नागपुर 24 अक्टूबर (इ खबर टुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में विजयादशमी के मौके पर परम्परागत ढंग से शस्त्र पूजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रख्यात गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। रेशिमबाग मैदान में संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने मणिपुर हिंसा, लोकसभा चुनाव, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन जैसे कई मुद्दों पर बात की। डा.भागवत ने कहा- कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत में शांति हो। समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही है। कट्टरता से उन्माद फैलता है। इसी की वजह से दुनिया में युद्ध हो रहे हैं। डा. भागवत ने कहा- दुनिया में भारतीयों का गौरव बढ़ रहा है। हमारा देश हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है। दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन हुआ। इसमें विदेशी मेहमानों के सत्कार को लेकर भारत की सराहना हुई। दुनिया ने विविधता से सजी हमारी संस्कृति का गौरव अनुभव किया।
संघ के स्थापना दिवस विजयादशमी के मौके पर दिए जाने वाले अपने उद्बोधन में डा. भागवत ने दावा किया कि मणिपुर में हिंसा करवाई गई है। उन्होंने कहा- मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय सालों से एक साथ रहते रहे हैं। इनके बीच सांप्रदायिक आग कैसे लगी? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के कट्टरपंथी भी थे? वहां सालों से सबकी सेवा करने में वाले संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटा गया। मणिपुर में अशांति और अस्थिरता से विदेशी सत्ताओं को फायदा हो सकता है। देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किनके बलबूते इतने दिनों से चल रही है? इससे साफ है कि यह हो नहीं रहा है, करवाया जा रहा है।
चुनाव का उल्लेख करते हुए डा. भागवत ने कहा- 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट मांगने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, लेकिन ये फिर भी होता है। ये समाज की एकता को चोट पहुंचाती हैं। वोट डालना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। देश की एकता, अखंडता, अस्मिता और विकास जैसे अहम मुद्दों को ध्यान में रखकर अपना वोट डालें।
सामाजिक अराजकता पर टिपण्णी करते हुए उन्होंने कहा कि समाज विरोधी कुछ लोग खुद को सांस्कृतिक मार्क्सवादी या वोक यानी कहते हैं, लेकिन उन्होंने मार्क्स को 1920 दशक से भुला रखा है। वे दुनिया की सभी शुभ चीजों, संस्कृति का विरोध करते हैं। वे लोग अराजकता का प्रचार-प्रसार करते हैं। यह चिंता का विषय है। झगड़े को छोड़कर सुलह पर चलना ही श्रेष्ठता है। हम सब एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। एक मातृभूमि की संतानें हैं। हमें इसी आधार पर फिर से एकजुट होना है।
श्री राम जन्मभूमि का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख बोले कि अयोध्या में भगवान राम 22 जनवरी 2024 को मंदिर में प्रवेश करने वाले हैं। गर्भगृह में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। उद्घाटन के दिन वहां हर किसी का पहुंच पाना संभव नहीं हो पाएगा। इसलिए जो जहां है, वे वहीं के राम मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन करे। यह हर दिल में मन के राम को जगाएगा और मन के अयोध्या को सजाएगा। समाज में स्नेह, जिम्मेदारी और सद्भावना का माहौल बनाएगा।
संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में पहली बार 100 से मेडल जीते। खिलाड़ियों ने कुल पदक (28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य) जीतकर हमें गर्व महसूस कराया। हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं। चंद्रयान मिशन ने भारत की ताकत, बुद्धिमत्ता और कौशल को भी शानदार ढंग से प्रदर्शित किया। हमारे वैज्ञानिकों के अपने ज्ञान और तकनीकी कौशल के साथ राष्ट्र के नेतृत्व की इच्छाशक्ति निर्बाध रूप से जुड़ी हुई है।
संघ ने ने भारतीय संस्कृति को बचाया- महादेवन
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात गायक शंकर महादेवन ने सरस्वती वंदना से अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने संघ की तारीफ करते हुए कहा- अखंड भारत के विचार और इसकी संस्कृति को बचाकर रखने में संघ से ज्यादा योगदान किसी का नहीं है। मुझे भारतीय होने पर गर्व है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया गया।
शंकर महादेवन और भागवत ने संघ संस्थापक को श्रद्धांजलि दी
मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम पर संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम के चीफ गेस्ट सिंगर शंकर महादेवन के साथ शस्त्र पूजा की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कार्यक्रम में पहुंचे। संघ कार्यकर्ताओं ने सीपी और बरार कालेज गेट और रेशिमबाग मैदान से पथ संचलन (रूट मार्च) निकाला।