Afeem Farming: मंदसौर में 50 हजार से अधिक किसान करते हैं अफीम की खेती, कमाई जानकर आप रह जाएंगे दंग

Mandsaur news: देश में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर किसानों को सरकार की तरफ से अफीम की खेती करने की इजाजत है। वैसे तो अफीम एक नशीला पदार्थ है जिसे देश में सरकार की तरफ से बेन की हुई है। लेकिन मध्य प्रदेश में अफीम की खेती के लिए किसानों को वित्त मंत्रालय की तरफ से लाइसेंस जारी किया जाता है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जारी करने के दौरान यह सरकार की तरफ से तय किया जाता है कि किसान कितनी जमीन पर अफीम की खेती करेगा। इसके अलावा अफीम की खेती के लाइसेंस से जुड़ी शर्तें क्राइम ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की वेबसाइट पर भी डाल दी जाती हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में हजारों किसानों द्वारा अफीम की खेती की जाती है। सरकार ने इस जिले के हजारों किसानों को अफीम की खेती करने हेतु लाइसेंस जारी किया हुआ है।
मंदसौर में 50 हजार से अधिक किसान अफीम की खेती से कमा रहे हैं लाखों रुपए प्रतिवर्ष
मध्य प्रदेश की मंदसौर जिले में किसान अफीम की खेती से लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। मंदसौर संसदीय क्षेत्र में तकरीबन 50 हजार से अधिक किसान अफीम की खेती करते हैं। अफीम की कीमत काफी अधिक होने के कारण इन किसानों को आमदनी भी लाखों में हो रही है।
अफीम की खेती से किसानों को 8 हजार रुपए से 1 लाख रुपए प्रति किलो की कीमत भी मिल जाती है। मंदसौर में लांसिंग और सीपीएस दोनों पद्धतियों से अफीम की खेती की जाती है।
अफीम अधिकारी बी. एन. कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदसौर जिले के किसानों की सुविधाओं को प्रशासन की तरफ से प्राथमिकता दी गई है। प्रशासन द्वारा अफीम की खेती का गर्मी से बचाव करने हेतु टेंट और कूलर भी लगाए गए हैं। इसके अलावा अफीम की खेती को गर्मी से बचने हेतु ठंडे पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है।
मंदसौर जिले में 6 अप्रैल तक चलेगी अफीम की तोल प्रकिया
मंदसौर जिले में नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय में 6 अप्रैल तक अफीम की तोल प्रकिया चलेगी। यह प्रक्रिया 29 मार्च शनिवार से शुरू हो गई है। शनिवार को नार्कोटिक्स विभाग द्वारा लांसिंग पद्धति से अफीम उपजाने वाले किसानों की उपज तौली गई। नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को मंदसौर जिले में प्रथम खंड के 7 गांवों से 282 किसानों ने अपनी अफीम विभाग को सौंपी।
यह तौल प्रक्रिया तीन खंडों में अप्रैल तक चलेगी। इसके बाद 8 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक कंट्रोल्ड पॉलीथीन शीट (CPS) पद्धति के किसानों के अफीम (डोडे) जमा किए जाएंगे। अफीम की खेती काम क्षेत्र में करके भी किसान प्रतिवर्ष लाखों रुपए की कमाई करते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में सबसे अधिक अफीम की खेती अफगानिस्तान देश में की जाती है। तालिबान सरकार अफगानिस्तान में अफीम की खेती से प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपए की कमाई करती है।