नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर सरकार का बड़ा एक्शन, प्रदेश के 66 कॉलेजों पर गिरेगी गाज
भोपाल,28 मई (इ खबर टुडे)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच में गड़बड़ी सामने के बाद अनफिट कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। प्रदेश के 31 जिलों के 66 अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को बंद किया जा रहा है। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के कमिश्नर ने अनफिट कॉलेजों की सूची संबंधित जिलों के कलेक्टर्स को दी है।
इस मामले में मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इस आदेश से नर्सिंग कॉलेजों के पुराने विद्यार्थी प्रभावित नहीं हो सकेंगे। उनके लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। अनफिट कॉलेजों को लेकर इंदौर समेत कई जिलों में पहले कार्यवाही हो चुकी है।
कलेक्टरों को निर्देश
प्रदेश में सबसे अधिक गड़बड़ी 2020-21 के सत्र में हुई थी। सर्वाधिक 220 नए कॉलेज इसी सत्र में खुले थे। 2021-22 में 49 कॉलेजों को खोलने की अनुमति नर्सिंग काउंसिल ने दी थी। इसके अतिरिक्त अपात्र कालेजों को बंद किया जा रहा है। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण पिथौड़े ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर ऐसे अपात्र कॉलेजों को बंद कराने के लिए कहा है।
ला स्टूडेंट एसोसिएशन की याचिका पर हाई कोर्ट ने पहले चरण में 368 कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआइ ने इनमें 66 कालेजों को अनुपयुक्त बताया है। यानी, इन कालेजों में संसाधन नर्सिंग काउंसिल के निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं मिले थे।
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की जानकारी में आया है कि इनमें कुछ कॉलेज अभी भी विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहे हैं, इसलिए इन्हें बंद कराया जा रहा है। साथ ही नर्सिंग एवं मिडवाइफरी कमीशन के गठन का काम भी तेज हो गया है। यह आयोग बनाने की कवायद पिछली सरकार के समय से चल रही थी, पर हाल ही में नर्सिंग कॉलेजों द्वारा अपने पक्ष में रिपोर्ट बनवाने के लिए सीबीआई अधिकारियों को रिश्वत लेने-देने का भंडाफोड़ होने के बाद गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जल्द ही इसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा। यह आयोग कॉलेजों का निरीक्षण, मान्यता और परीक्षा संचालन का काम करेगा।