December 25, 2024

Consumer Forum Order : उपभोक्ता फोरम का फैसला- उपचार पर खर्च हुए ब्याज सहित साढे चार लाख रु.अदा करे रेलीगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी,मानसकि त्रास के लिए 25 हजार रु. भी देने का आदेश

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रतलाम,12 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। रेलीगेयर (केयर) हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा बीमीत व्यक्ति को उपचार की राशि नहीं चुकाने को सेवा में कमी मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी को साढे चार लाख रु.से अधिक की राशि परिवादी को दिए जाने का आदेश दिया है। परिवादी को हुए मानसिक त्रास के लिए 25 हजार रु. और परिवाद व्यय के लिए दो हजार रु. भी बीमा कम्पनी को अदा करने का आदेश फोरम ने दिया है।

परिवादी अलकापुरी निवासी सुधीर बेलसरे ने रेलीगेयर (केयर) हेल्थ इंंश्योरेंस कम्पनी से पांच लाख रु.का हेल्थ इंश्योरेंस करवाया था। बीमा कराने के बाद 26 जनवरी 2020 को परिवादी को निमोनिया होने पर उसे रतलाम हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराने के दौरान परिवादी ने इंश्योरेंस कम्पनी को आवेदन भेजा जिसे बीमा कम्पनी ने यह कह कर निरस्त कर दिया कि परिवादी की बीमारी पुरानी बीमारी है,इसलिए उसका क्लैम निरस्त किया जा रहा है।

रतलाम हास्पिटल में परिवादी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने से उसे इन्दौर के चौइथराम हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां से भी परिवादी ने क्लैम राशि की मांग की,लेकिन रेलीगेयर (केयर) हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी ने इस क्लैम को भी निरस्त कर दिया और परिवादी की प्रीमीयम राशि 91 हजार रु. जब्त कर ली गई।

बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का क्लैम निरस्त किए जाने से व्यथित परिवादी ने अपने अधिवक्ता मनीष शर्मा के माध्यम से पहले कम्पनी को एक सूचना पत्र प्रेषित किया और फिर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में बीमा कम्पनी के कृत्य को सेवा में कमी मानते हुए बीमा कम्पनी से क्लैम की राशि के रुप में दस लाख रु. और मानसिक त्रास के लिए 1 लाख रु. दिलाने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया।

परिवाद पर दोनो पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और साक्ष्यों को देखने तथा अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी व सदस्य जयमाला संघवी ने परिवादी के अधिवक्त मनीष शर्मा के तर्कों से सहमत होते हुए रैलीगेयर (केयर) हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा क्लैम निरस्त किए जाने को सेवा में कमी माना।

उपभोक्ता फोरम के विद्वान अध्यक्ष ने अपने फैसले में रेलीगेयर(केयर) हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी को आदेशित किया है कि वह परिवादी को उपचार में व्यय की गई राशि 4,56,916 रु. का भुगतान परिवाद प्रस्तुति दिनांक से अदायगी दिनांक तक छ: प्रतिशत की दर से ब्याज जोडकर अदा करें। इसके अलावा परिवादी को हुए मानसिक त्रास के लिए पच्चीस हजार रु. तथा परिवाद व्यय के रुप में दो हजार रु. पृथक से अदा करें। जिलो उपभोक्ता फोरम ने उक्त राशियों का भुगतान आदेश दिनांक से 60 दिनों के भीतर करने का आदेश भी दिया है।

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