CBSE में दसवीं कक्षा की परीक्षा को लेकर आया बड़ा अपडेट, विद्यार्थियों को चुनना होगा विकल्प
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CBSE Exam Update: सीबीएसई ने अपने परीक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया हैं। पहले जहां सीबीएसई द्वारा साल में एक बार ही दसवीं कक्षा की परीक्षा ली जाती थी, लेकिन अब इस नियम को बदलकर साल में दो बार परीक्षा आयोजन करने का निर्णय लिया हैं। वर्ष 2026 से शैक्षणिक सत्र में बदलाव किया जाएगा।
10वीं कक्षा के विद्यार्थी एक दो बार सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा दे सकेंगे। सीबीएसई की तरफ से जारी शेड्यूल के अनुसार दसवीं कक्षा की पहले चरण की परीक्षाओं का आयोजन 17 फरवरी से छह मार्च तक किया जाएगा। जबकि दूसरे चरण की परीक्षाओं का आयोजन पांच मई से 20 मई तक किया जाएगा। सीबीएसई ने इन परीक्षा में शामिल होने का विकल्प विद्यार्थियों के ऊपर छोड़ा हैं। इसमें विद्यार्थियों के पास विकल्प होगा कि वह साल में दो बार होने वाली परीक्षा में भाग ले सकता हैं या दोनों परीक्षाओं में से एक में भाग लेगा।
सीबीएसई ने परीक्षाओं का यह मसौदा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। साल में दो बार परीक्षा के आयोजन के मसौदे को लागू करने से पहले सीबीएसई ने शिक्षाविद्, अभिभावक, शिक्षक व छात्राओं से राय मांगी गई थी। इसमें अधिकतर ने सीबीएसई द्वारा दो बार परीक्षाओं के आयोजन पर राय दी गई।
राय मांगने के बाद सीबीएसई ने इसको नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लिया गया। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि साल में एक बार परीक्षा के आयोजन से बच्चों को तनाव हो रहा था, लेकिन अब दो बार आयोजन करने से विद्यार्थियों के तनाव में कमी आएगी।
इसके अलावा मसौदा तैयार किया गया कि पहले खिलाड़ियों के लिए अलग से परीक्षा का आयोजन किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब खिलाड़ियों को भी आम परीक्षार्थियों की तरह ही शेड्यूल के हिसाब से परीक्षा में हिस्सा लेना होगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने दो बार परीक्षा होने के कारण पाठ्यक्रम को भी उसी तरह से निर्धारित किया गया हैं।
इसमें स्कूलों में पढ़ा जा रहे विषयों को सात समूहों में बांटा गया हैं। इनमें भाषा 1, भाषा 2, वैकल्पिक 1, वैकल्पिक 2, वैकल्पिक 3, क्षेत्रीय और विदेशी भाषाएं, और शेष विषय शामिल हैं। सीबीएसई द्वारा एक ही दिन में क्षेत्रीय और विदेशी भाषा के पेपर करवाया जाएगा।
इस प्रणाली के तहत अलग से पूरक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। इसके बजाय, बोर्ड परीक्षा का दूसरा सत्र उन लोगों के लिए पूरक परीक्षा के रूप में काम करेगा जो अपने स्कोर में सुधार करना चाहते हैं। उम्मीदवारों की सूची को पिछले वर्ष के सितंबर में अंतिम रूप दिया जाएगा। फरवरी 2026 की परीक्षा के लिए सीबीएसई द्वारा सूची सितंबर 2025 में तैयार की जाएगा।
अगर कोई विद्यार्थभ् सितंबर 2025 की सूची का हिस्सा होगा, उनको नए उम्मीदवारों को मई 2026 की परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई उम्मीदवार अपने विषय विकल्पों को संशोधित करना चाहता है तो पहली परीक्षा (फरवरी-मार्च) में एक विषय छोड़ सकता है और दूसरी परीक्षा (मई) में एक अलग विषय चुन सकता है। हालांकि, यदि कोई उम्मीदवार पहली परीक्षा में सभी विषयों की परीक्षा देता है, तो यदि वह दोबारा परीक्षा देना चाहता है तो उसे दूसरी परीक्षा में भी उन्हीं विषयों की परीक्षा देनी होगी।
यदि कोई छात्र चरण दो की परीक्षा नहीं देना चाहता है, तो वे आनलाइन मार्कशीट की मदद से कक्षा 11वीं में प्रवेश ले सकेंगे। वहीं, कोई छात्र चरण एक की परीक्षा पास करने में विफल रहता है, तो भी उसे कक्षा 11वीं में प्रवेश दिया जा सकता है, लेकिन ऐसे में स्कूल चरण दो के परिणामों के बाद उनके प्रवेश को अंतिम रूप दे सकते हैं। उम्मीदवारों को दोनों संस्करणों में एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे।
प्रायोगिक परीक्षाएं और आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार होगा
प्रायोगिक परीक्षाएं और आंतरिक मूल्यांकन साल में एक बार ही किया जाएगा। सीबीएसई की कक्षा 10वीं, 12वीं की मार्कशीट में चरणवार अंकों के साथ-साथ दोनों में से बेहतर अंक का उल्लेख होगा। दूसरे चरण की परीक्षा के बाद ही मेरिट सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। सभी पांच विषयों में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा।
पहली परीक्षा में एक से पांच विषयों में उत्तीर्ण न होने वाले छात्रों को सुधार श्रेणी में रखा जाएगा और उन्हें जुलाई 2026 में होने वाली दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। यदि किसी विद्यार्थी को छठवें या सातवें विषय को बदलकर उत्तीर्ण घोषित किया जाता है तो वह अपनी पहली परीक्षा से अगली दो परीक्षाओं के लिए केवल अनुत्तीर्ण विषय में सुधार के लिए पात्र होगा।