बिहार बोर्ड : ऑटो चालक की बेटी बनी बिहार इंटरमिडिएट टॉपर

Bihar Board: Daughter of an auto driver becomes the Bihar intermediate topper.
Bihar intermediate topper:बिहार शिक्षा बोर्ड ने इंटरमिडिएट का परिणाम घोषत कर दिया है। इसमें एक ऑटो चालक की बेटी रोशनी ने राज्य में टॉप किया है। वह अपनी मां से कहती थी, मां मुझे जगाए रखना, नहीं तो मेरे सपने सो जाएंगे। रोशनी ने बिहार में टॉप करके एक नई मिशाल पेश की है।
12वीं के परीक्षा परिणाम में टॉप करने वाली ऑटो चालक सुधीर कुमार की बेटी रोशनी है। रोशनी अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रतिदिन 17 किलोमीटर साइकिल चलाकर कॉलेज जाती थी।
वैशाली जिले की दो बेटियों ने राज्य में टॉप किया है। रोशनी वैशाली जिले की काशुपरी फुलवारा की रहने वाली है। उसने कॉमर्स संकाय में टॉप किया है। उसके पिता सुधीर कुमार ऑटो चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनकी कमाई का एकमात्र जरिया ऑटो के सहारे ही आता है। रोशनी के पूरे गांव में खुशी का माहौल है। उनके माता-पिता गर्व से फूले नहीं समां रहे हैं।
आर्थिक तंगी के कारण की सरकारी स्कूल में पढ़ाई
रोशनी ने बताया कि उसने पहले तो संस्कारपति पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन फीस समय पर नहीं दे पाने के कारण उसने बाद में सरकारी स्कूल से पढ़ाई शुरू की। दसवीं कक्षा में उसने रज्कीय कृत उच्च विद्यालय चांदपुरा से पास की। फिर उसने जमीनलाल कॉलेज में दाखिल लिरा। 11वीं कक्षा में भारती कंप्यूटर क्लासेज में कोचिंग करने लगी। उसके माता-पिता ने उसका खूब हौसला बढ़ाया। उसके पिता सुधीर कुमार उसे हमेशा कहते थे बेटा पैसों की चिंता मत करो, केवल पढ़ाई करो। इसके बावजूद उसे पैसों की चिंता रहती थी।
कंप्यूटर कोचिंग में किया काम
रोशनी ने बताया कि आर्थिक रुप से तंगी के कारण उसने काम तलाश शुरू किया। उनको पढ़ाने वाले राहुल ने रोशनी की आर्थिक तंग को समझा और कहा कि वह उनके कोचिंग सेंटर में ही काम शुरू करे तो अच्छा रहेगा। रोशनी ने बताया कि इसके बाद उसने राहुल सर के ही कोचिंग सेंटर में कंप्यूटर कोचिंग शुरू कर दी।
छोटा घर होने के बावजूद नहीं तोड़ा हौसला
रोशनी ने बताया कि उसका घर बहुत छोटा है। माता-पिता उसे किसी भी सूरत में परेशान नहीं करते थे, इसी कारण वह अपनी पढ़ाई लगातार करती रही। मैं हमेशा मम्मी से कहती थी कि मुझे जगा देना, कहीं में सो नहीं जाऊं, नहीं तो मेरे सपने सो जाएंगे। मम्मी को जब लगता कि मुझे नींद आ रही है, तभी वह बात करने लग जाती ओर मुझे जगाए रखती। इसी कारण में लगातार पढ़ाई करने में सफल रही। रोशनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा राहुल सर को दिया। रोशनी ने कहा कि राहुल सर ने उसको बहुत हौसला दिया, इसी कारण वह टॉप कर पाई।
प्रतिदिन 10 घंटे करती थी पढ़ाई
रोशनी ने कहा कि दिन में उसे पढ़ाई के लिए कम समय मिलता था, लेकिन वह रात को ज्यादा पढ़ती थी। उसने औसतन दस घंटे प्रतिदिन पढ़ाई की। रोशनी ने कहा कि पढ़ाई से आप हर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।