Raag Ratlami BJP President – फूलछाप पार्टी में रायशुमारी के बाद अब घोषणा का इंतजार,बेअसर ही रहा पंजा पार्टी का प्रदर्शन
-तुषार कोठारी
रतलाम। शहर के सियासती माहौल में ले देकर अब फूल छाप पार्टी की ही खबरें होती है। पंजा पार्टी की हालत वेन्टीलेटर पर पडे उस मरीज जैसी हो गई है,जिसकी आखरी सांस बस आने ही वाली है। दूसरी तरफ फूल छाप पार्टी में अक्सर कुछ ना कुछ होता रहता है। इन दिनों फूल छाप पार्टी में नए पदाधिकारियों की घोषणा का सिलसिला चल रहा है। फूल छाप वालों ने ज्यादातर मण्डलों के मालिकों की तलाश कर ली है। इसके लिए पहले रायशुमारी की गई थी और फिर मण्डल के मालिकों की घोषणा कर दी गई। अब जिले के मुखिया की नियुक्ति को लेकर रायशुमारी की गई है। फूलछाप वालों को अब इंतजार सिर्फ घोषणा का है।
रतलाम में फूल छाप पार्टी के जिले के मुखिया की नियुक्ति को लेकर इस बार ज्यादा जद्दोजहद नजर नहीं आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। जिले के मुखिया की नियुक्ति को ज्यादा वक्त नहीं गुजरा है। इतना ही नहीं मुखिया बनने के बाद वे अपनी नई टीम भी अब तक नहीं बना पाए हैैं। इसलिए माना जा रहा है कि मुखिया वही रहेंगे,टीम में जरुर नए लोग शामिल किए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि नए साल की शुरुआत में ही फूल छाप की घोषणाएं हो जाएगी और इसके बाद प्रदेश के नेताओं की नियुक्तियां होगी। कुल मिलाकर अब थोडे ही वक्त का इंतजार है।
थोडी सी नजर आई पंजा पार्टी
पंजा पार्टी आजकल कहीं नजर नहीं आती। पिछले हफ्ते लम्बे अरसे के बाद ऐसा मौका आया जब पंजा पार्टी सडक़ पर नजर आई। संविधान निर्माता बाबा साहब के कथित अपमान के खिलाफ पंजा पार्टी ने पूरे देश में प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। इसी चक्कर में रतलामी पंजा पार्टी वालों को सडक़ पर आना पडा। लेकिन जैसा कि अक्सर होता है,पंजा पार्टी के प्रदर्शन असर नहीं दिखा पाते। पंजा पार्टी के गिने चुने नेता बाबा साहब की मूर्ति के सामने इकट्ठे हुए और धरना देते रहे। फिर चुपचाप से उन्होने एक पुतला भी जला लिया।
विपक्षी पार्टी का विरोध प्रदर्शन हो और ना तो वर्दी वालों को और ना इंतजामिया के अफसरों को इसकी कोई फिक्र हो,तो साफ समझा जा सकता है कि पार्टी को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसकी बनिस्बत आदिवासी इलाके के नए नए बने माननीय का विरोध प्रदर्शन हो तो पूरा अमला सतर्क हो जाता है। लेकिन अब पंजा पार्टी की हैसियत इतनी भी नहीं रह गई है कि इसके प्रदर्शन को लेकर कोई सतर्कता बरती जाए। कुल मिलाकर यही गनीमत है कि कम से कम पंजा पार्टी कहीं नजर तो आई।
शहर की सफाई और प्रथम नागरिक
शहर की सफाई व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए इन दिनों प्रथम नागरिक खुद सडक़ों पर उतर रहे है। पिछले कुछ दिनों से वे अलग अलग इलाकों में पंहुच कर सफाई व्यवस्था का जायजा ले रहे हैैं। कहीं स्पाट फाइन कर रहे हैैं,तो कहीं लोगों को समझाईश दे रहे है। लम्बे समय के बाद उनकी सक्रियता नजर आ रही है। ये सक्रियता अगर इसी तरह बनी रही तो पूरी उम्मीद की जा सकती है कि सफाई के मामले में रतलाम नई उपलिब्धयां अर्जित कर सकता है।
वैसे भी चुने हुए जनप्रतिनिधि अगर सक्रियता दिखाते है तो सरकारी अमला भी सक्रिय होने लगता है। शहर में सफाई व्यवस्था के अलावा भी ढेरों गडबडियां चल रही है। शहर के प्रथम नागरिक की सक्रियता बरकरार रही तो लोगों की कई सारी दूसरी समस्याएं भी हल हो सकती है।