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सुनीता विलियम्स ने नौ महीने 14 दिन बाद रखे पृथ्वी पर कदम, बीच में टूट गया था संपर्क

आ​खिरकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स तथा बुच विल्मोर ने नौ महीने 14 दिन के बाद पृथ्वी पर अपने कदम रखे। दोनों को अंतरिक्ष स्पेस सेंटर से वापस लाने में काफी वक्त लग गया। दोनों को वापसी लाने के लिए नासा ने लाइव टेलीकास्ट किया था। पूरी दुनिया ने दोनों को धरती पर वापस आते देखा। बीच में तापमान अ​धिक बढ़ने के कारण सात मिनट के लिए वैज्ञानिकों का संपर्क पृथ्वी से टूट गया था। इस दौरान नासा के वैज्ञानिकों की धड़कनें बढ़ गई थी, लेकिन दोनों को बाद में फ्लोरिडा के समुंद्र में सुर​क्षित लेंडिंग करवाई गई।


नौ महीने 14 दिन पहले भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर दोनों अंतरिक्ष में शोध के लिए गए थे। वहां उनके विमान में खराबी आने के कारण उनको वापसी में परेशानी आई। इसके बाद से लगातार नासा के वैज्ञानिक उनकी वापस को लेकर योजनाएं बना रहे थे। आ​खिरकार नौ महीने 14 दिन के बाद दोनों को धरती पर वापस लाया गया। उनके साथ क्रू के नौ सदस्य और दो वैज्ञानिक अमेरिका के निक हेग और रुस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी थे। उनके ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समय के अनुसार बुधवार सुबह तीन बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया।


18 मार्च को स्पेस स्टेशन से हुए थे रवाना

अंतरिक्ष में ​स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तो सभी वैज्ञानिक और क्रू सदस्य 18 मार्च सुबह आठ बजकर 35 मिनट पर निकले थे। इसकी लेडिंग को पूरी दुनिया को दिखाया गया था। सबसे बड़ी समस्या इनको अंतरिक्ष से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करवाना था। यहां का तापमान 1650 डिग्री से​ल्सियस से भी ज्यादा हो जाता है। अचानक तापमान अ​धिक होने के कारण धरती से वैज्ञानिकों का संपर्क टूट गया और सात मिनट बाद यह संपर्क बहाल हो पाया।


वापसी में लगे 17 घंटे
अंतरिक्ष से वापसी धरती तक इन वैज्ञानिकों का सफर 17 घंटे का रहा। जब ड्रैगन कैप्सूल अलग हो गया तो वैज्ञानिकों की धड़कनें भी बढ़ने लगी। यह कैप्सूल ऐसा होता है, जो अ​धिक से अ​धिक तापमान भी सहन कर जाता है। 18 मार्च को सुबह आठ बजकर 35 मिनट पर स्पेसक्राफ्ट का दरवाजा बंद हो गया था। इसके बाद 10 बजकर 35 मिनट पर स्पेसक्राफ्ट से ड्रैगन कैप्सूल अलग हो गया और यह तीन बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट पर समुंद्र में लैंड हुआ। इससे पहले रात को दो बजकर 41 मिनट पर डीआ​र्बिट बर्न शुरू हो गया था। यानी के इंजन चलाकर इसके उल्टी दिशा में फायर किया गया।

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