सुन्दर घर के उजडे सपनों का प्रतीक सम्यक रेसीडेन्सी
अधूरी पडी मल्टियां,रहने वाले की जान खतरे में
रतलाम,25 अगस्त(इ खबरटुडे)। लम्बे समय तक शहर के लोगों को सर्वसुविधायुक्त सुन्दर घर के सपने दिखा कर उनसे लाखों रुपए वसूलने वाले सम्यक ग्रुप के कर्ता धर्ता शहर के गायब हो चुके है। जिन लोगों ने इन सपनों के असर में आकर अपने खून पसीने की कमाई सम्यक ग्रुप की योजनाओं में लगाई थी,आज वे अपने उजडे हुए सपनों के साथ दर दर भटकने को मजबूर है। कुछ मामलों में उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ताओं के पक्ष में फैसले भी कर दिए है,लेकिन रकम मिलना अब भी आसान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कुछ वर्षों पूर्व शहर में सम्यक ग्रुप के मालिक इन्दौर निवासी शशांक निमाती ने रतलाम के अनूप कटारिया के साथ मिलकर सम्यक रेसीडेन्सी और कुछ अन्य आवासीय योजनाओं का काम शुरु किया था। इन योजनाओं की शुरुआत में लोगों को कम कीमत में सर्वसुविधायुक्त सुन्दर घर के सपने बेचे गए और लोगों ने इस प्रचार में आकर अपने खून पसीने की कमाई इन व्यवसाईयों को सौंप दी।
शुरुआती दौर में तो आवासीय योजनाओं के काम चलते हुए नजर आए,लेकिन
कुछ समय गुजरने के साथ ही व्यवसाईयों की हकीकत सामने आने लगी। महूरोड स्थित ओव्हरब्रिज की बगल में सम्यक रेसीडेन्सी के नाम पर बहुमंजिला आवासीय परिसर का काम तो शुरु हुआ,लेकिन इन व्यवसाईयों ने जो वादे किए थे,वे झूठे साबित होने लगे। सम्यक रेसीडेन्सी में फ्लैट बुक करवाने वालों को सम्यक ग्रुप द्वारा जो प्रचार सामग्री दी गई थी,उसके मुताबिक सम्यक रेसीडेन्सी में अन्तर्राष्ट्रिय स्तर की सुविधाएं देने का वादा किया गया था। सम्यक रेसीडेन्सी में स्विमिंग पुल,जिम,आकर्षक लिफ्ट जैसी अनेक सुविधाएं देने का वादा था,लेकिन जैसे जैसे निर्माण का काम आगे बढा,यह साफ होने लगा कि वादे के मुताबिक कोई सुविधा यहां उपलब्ध नहीं होगी।
ऋषि कुमार वाख्तरिया,उन सैकडों लोगों में से एक हैं,जिन्होने सम्यक ग्रुप के आकर्षक प्रचार के झांसे में आकर सम्यक रेसीडेन्सी में फ्लैट बुक करवाया था। ऋ षि कुमार ने सम्यक ग्रुप की शर्तो के मुताबिक वर्ष 2012 में दस लाख इक्कीस हजार रुपए सम्यक ग्रुप में जमा करवा दिए। 31 मार्च 2014 तक उन्होने कुल 16 लाख 38 हजार 953 रुपए सम्यक ग्रुप को जमा करवा दिए। सारी रकम जमा करवाने के बावजूद सम्यक ग्रुप द्वारा फ्लैट का काम पूरा नहीं करवाया गया। खुद के सुन्दर घर का सपना संजोये ऋ षि कुमार अपनी सारी जमापूंजी सम्यक ग्रुप को सौंप चुके थे। खुद के घर का उनका सपना चकनाचूर होने की कगार पर था। सम्यक रेसीडेन्सी में महज नाम के लिए कुछ फ्लैट तैयार हुए थे,जबकि कई ब्लाक का निर्माण अधूरा ही पडा था।
अपनी जमा पूंजी खो चुके ऋषि कुमार वाख्तरिया ने अपनी मेहनत की कमाई बचाने का रास्ता यह निकाला कि उन्होने सम्यक रेसीडेन्सी में अपने अधूरे पडे फ्लैट पर कब्जा कर लिया और अपने परिवार सहित वहीं रहने चले गए। ऋ षि कुमार ने अपना घरौन्दा तो सम्यक रेसीडेन्सी में बसा लिया,लेकिन यहां रहने के लिए न्यूनतम सुविधाएं तक नहीं थी। गर्मियों में पीने का पानी तक यहां उपलब्ध नहीं होता।
श्री वाख्तरिया ने बताया कि वे अधूरी पडी सम्यक रेसीडेन्सी में रह तो रहे है,लेकिन उनकी और उनके परिवार की जान खतरे में है। उनकी मल्टी की बाउण्ड्री वाल सभी तरफ से खुली पडी है,जिससे असमाजिक तत्वों का खतरा हमेशा बना रहता है। सम्यक रेसीडेन्सी के बिल्डर ने लिफ्ट का वादा किया था,लेकिन आज तक वहां लिफ्ट नहीं है।श्री वाख्तरिया की देखा देखी कई अन्य लोग भी इन अधूरे पडे फ्लैट्स में रहने आ चुके है। ए ब्लाक के 48 फ्लैट्स के लिए आज तक लिफ्ट नहीं लगाई गई है। इन फ्लैट्स में बिजली के कनेक्शन भी नहीं है। सभी रहवासी अस्थाई कनेक्शनों से काम चला रहे है,इसकी वजह से आए दिन फाल्ट होते है और फ्लैट्स अंधेरे में डूब जाते है। मल्टी का कामन एरिया व छत भी कवर्ड नहीं है।
कुल मिलाकर सम्यक रेसीडेन्सी में स्वर्ग जैसी सुन्दर जगह पर रहने के सपने देखने वाले लोग पूरी कीमत अदा करने के बावजूद खण्डहर जैसी इमारत में रहने को मजबूर है।
जिन लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई बचाने के लिए उपभोक्ता फोरम में प्रकरण लगाए थे,न्यायालय ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए बिल्डर्स को सारी रकम लौटाने के निर्देश दिए है। लेकिन फैसला आने के बवजूद ये लोग अपनी रकम हासिल करने से अभी कोसों दूर है।
सम्यक रेसीडेन्सी के रहवासियों को अब तेजतर्रार कलेक्टर बी चन्द्रशेखर से उम्मीद है। उन्होने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उनकी समस्याओं को हल करवाए। भोले भाले लोगों को सपने दिखाकर उनसे मेहनत की कमाई हडपने वाले बिल्डर्स के विरुध्द कडी कार्यवाही की जाए और सम्यक के रहवासियों को उनकी समस्याओं से मुक्ति दिलाई जाए।