November 9, 2024

मेक इन इंडिया” से भारत में निवेश के लिए आकृष्ट हुई नामी कंपनियाँ

निवेश प्रोत्साहन के लिए होगी विशेष बिजनेस डेस्क की स्थापना
इंदौर-भोपाल मेट्रो परियोजना के लिए मिलेंगे 12 हजार करोड़ रूपए
विदेश यात्रा से लौटने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल 8 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ”मेक इन इंडिया’ अभियान से अन्य देशों के साथ-साथ जापान और दक्षिण कोरिया में भारत में निवेश के प्रति आकर्षण बढ़ा है। निवेशकों में भारी उत्साह है। अपनी दस दिवसीय जापान और दक्षिण कोरिया की सफल यात्रा से भोपाल आगमन पर आज यहाँ स्टेट हेंगर श्री चौहान ने बताया कि निवेशकों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए बिजनेस डेस्क की स्थापना की जाएगी और जल्दी ही दोनों देशों के निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश में बिजनेस सेमीनार आयोजित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने दोनों देशों की यात्राओं का विस्तार से ब्यौरा देते हुए बताया कि जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोगी एजेंसी इंदौर और भोपाल की मेट्रो परियोजना के लिए 12 हजार करोड़ रूपए 0.3 प्रतिशत ब्याज दर पर देने के लिए सहमत हो गई है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लिए 2200 करोड़ रूपए, ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिए 2000 करोड़ रूपए देने की भी सहमति हुई है।

श्री चौहान ने बताया कि जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बैंक पीथमपुर (धार) में प्रस्तावित जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप की स्थापना और जापानी कंपनियों को म.प्र. में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने बताया कि जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गेनाइजेशन (जेट्रो) जापानी कंपनियों को मध्यप्रदेश में निवेश में दीर्घकालिक सहयोग देगा। जेट्रो के सहयोग से जापानी कंपनियों का सेमीनार आयोजित किया जाएगा। अक्षय ऊर्जा और औद्योगिक, प्रौद्योगिकी विकास संगठन जापान मध्यप्रदेश में अक्षय ऊर्जा के विकास में सहयोग करेगा। इसी प्रकार साफ्ट बैंक लिमिटेड ने सोलर पैनल निर्माण और सोलर पावर में 10 हजार करोड़ के निवेश की रूचि दिखाई है। मिजुहो बैंक ने मध्यप्रदेश में जापान औद्योगिक टाउनशिप को प्रोत्साहित करने और जापानी निवेश आने पर बैंक की शाखा खोलने पर विचार करने का आश्वासन दिया।

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि फुरूकावा इलेक्ट्रिक कंपनी नवम्बर में मध्यप्रदेश आयेगी और निवेश परिदृश्‍य का अध्ययन करेगी। जापान के उप प्रधानमंत्री ने जापान की लघु और सूक्ष्म उद्योगों पर ध्यान देने का सुझाव दिया। एनआईडीईसी कंपनी की टीम पीथमपुर का भ्रमण करेगी और अपनी इकाई की स्थापना की संभावना का आकलन करेगी। इसी प्रकार मायेकावा निर्माण लिमिटेड कंपनी मंडी बोर्ड के साथ मिलकर फल-सब्जी के लिये प्रदर्शन परियोजना पर विचार करेगी। यह कंपनी शीत गृह निर्माण के क्षेत्र में काम करती है।

 

श्री चौहान ने बताया कि लिक्सिल कार्पोरेशन ने स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग के लिये एक टीम मध्यप्रदेश भेजने का आश्वासन दिया है। पैनासोनिक कार्पोरेशन सोलर पैनल बनाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।

 

जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गेनाइजेशन भी मध्यप्रदेश में निवेश करने वाली कंपनियों को सहयोग करेगा। टूर आपरेटर्स ने सिंहस्थ 2016 में रूचि दिखाई। श्री चौहान ने बताया कि पहली बार जापान और मध्यप्रदेश के बीच एम ओ यू हुआ है जिसके माध्यम से जापान औद्योगिक टाउनशिप को भारत-जापान व्यावसायिक समझौते में शामिल करने पर सहमति हुई। किसी अन्य देश से व्यापार को बढ़ावा देने का यह ऐतिहासिक एमओयू है। निप्पन एक्सप्रेस इंदौर में लाजिस्टिक केन्द्र खोजने के लिये एक दल मध्यप्रदेश भेजेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हिरोशिमा स्मारक और क्योटो के मंदिरों के भ्रमण की भी जानकारी दी।

मुख्यमत्री ने दक्षिण कोरिया की यात्रा के संबंध में बताया कि सेमसंग कंपनी की टीम इनोवेशन लैब विकसित करने के उददेश्य से जल्दी ही भोपाल आयेगी। सिस्को ने सिंहस्थ 2016 में स्मार्ट क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लागू रखने के लिये अपनी टीम भेजने की सहमति दी है। आईसीसीके कंपनी और ट्रायफेक के साथ लघु एवं मध्यम उदयोगों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा करीब 50 कंपनियों से अलग-अलग चर्चा हुई।
किसानों को मिलेगी हर संभव मदद

किसानों पर आये संकट के संबंध में श्री चौहान ने कहा कि संकट के समय सरकार किसानों के साथ खड़ी है। अवर्षा से फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश सरकार ने सबसे ज्यादा राहत किसानों को दी है। उन्हें 12 हजार करोड़ रूपए की राहत दी गई है। जो भी संभव होगा किसानों के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान की मृत्यु दुखद है। उन्होंने कहा कि खेती पर जैविक दबाव को कम कर औद्योगीकरण को बढ़ावा देना ही एकमात्र विकल्प है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में कम वर्षा से कठिन परिस्थितियाँ बनी हैं। राज्य में भरपूर पानी उपलब्ध है। इसका उपयोग रबी की फसल के लिए किया जाएगा। किसानों को राहत की पूरी राशि मिलेगी। मध्यप्रदेश किसानों को फसल बीमा योजना का अधिकतम लाभ देने वाला राज्य है। आगे भी इस योजना का लाभ दिया जायेगा।

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