मानवता फिर हुई शर्मसार-नवजात बालिका को पत्थरों के बीच दबा कर भाग गए निर्दयी लोग
108 एंबुलेंस के चालक की पत्नी ने पिलाया दूध
रतलाम,05 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। सरकार और कई सामाजिक संगठन जहां एक ओर ‘बेटी बचाओ’ अभियान चला रहे हैं वहीं ग्रामीण अंचलों में बेटियों को लावारिस छोड़ने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। गुरुवार सुबह जिले के सरवन थाना क्षेत्र के ग्राम सोमरुंडी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अज्ञात लोग एक दिन की नवजात बालिका को ग्राम सोमारुंडी में प्रभु निनामा के खेत की मेड़ के समीप पत्थरों के नीचे दबाकर भाग गए।
सुबह करीब 7:00 बजे प्रभु निनामा को बच्चे के रोने की आवाज आई तब मामला उजागर हुआ। बालिका जीवित है और स्वस्थ बताई जाती है।
जानकारी के अनुसार किसान प्रभु निनामा निवासी ग्राम सोमारुंडी अपने खेत पर सोया हुआ था। सुबह जब वह उठा तो उसे किसी बच्चे के रोने की आवाज आई उसने जाकर देखा तो खेत की मेढ़ के समीप झाड़ियों के समीप पत्थरों में दबी बालिका रोते हुए दिखाई दी। उसने तत्काल गांव के अन्य लोगों को सूचना दी और मौके पर बुलाया।
इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। डायल 100 का दल भी मौके पर पहुंचा। पत्थर हटाकर बालिका को निकाला गया। वह स्वस्थ दिखाई दे रही थी उसे तत्काल डायल 100 का दल सरवन के सरकारी अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टर नहीं होने पर 108 एंबुलेंस की मदद से उसे सैलाना के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। उसे जिला अस्पताल के गहन शिशु इकाई में भर्ती किया गया है जहां नर्स और डॉक्टर उसकी देखरेख कर रहे है।सरवन थाना प्रभारी एमएल मीणा ने बताया कि बालिका शायद रात में ही जन्मी होगी जो लोग उसे छोड़ गए हैं उनका पता नहीं चला है। मामले की जांच की जा रही है।
108 एंबुलेंस के चालक की पत्नी ने पिलाया दूध
सूचना मिलने पर 108 एंबुलेंस चालक गोविंद सिंह जादौन को सरवन अस्पताल बुलाया गया। वह मौके पर पहुंचे और बालिका को एंबुलेंस में लेकर सैलाना के लिए रवाना हुए। रास्ते में बालिका रो रही थी वह उसे सैलाना के सरकारी अस्पताल ले गए। बालिका लगातार हो रही थी बालिका को रोता देख उन्हें दया आई और महसूस हुआ कि शायद बालिका भूखी है।
उन्होंने डॉक्टर से पूछा कि मेरी पत्नी क्या इसे दूध पिला सकती है? डॉक्टर ने इजाजत दी। इसके बाद गोविंद ने अपनी पत्नी प्रमिला को सैलाना अस्पताल बुलवाया, जहां पर उसने बालिका को दूध पिलाया।
जिले में पहले भी हो चुकी इस प्रकार की घटना
रतलाम जिले के मोतीनगर में आज से करीब नाले में भी छः माह पूर्व नवजात बालिका का शव मिला था। बालिका की मौत के बाद किसी ने शव नाले में फेंक दिया था। कुत्तों ने शव क्षत-विक्षत कर दिया था। बालिका का जन्म 7 से 10 दिन पहले हुआ था।