December 24, 2024

भाजपा कार्यकर्ताओं में बगावत के आसार,मण्डल अध्यक्ष पोरवाल ने दिया इस्तीफा

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रतलाम,26 मार्च (इ खबर टुडे)। लम्बे समय से सत्ता में काबिज भाजपा नेताओं द्वारा कार्यकर्ताओं की लागातर उपेक्षा के चलते अब भाजपा कार्यकर्ताओ में बगावत के आसार नजर आने लगे है। नगर निगम पार्षदों के असंतोष की खबरें अभी फिजाओं में तैर ही रही थी,कि अब शहर के तीन मण्डलों में से एक मण्डल के अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र दिए जाने की खबर आ गई है। सूरजमल जैन मण्डल के अध्यक्ष संतोष पोरवाल ने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं में पनप रहे भारी असंतोष की झलक तब सामने आई थी,जब नगर निगम के सम्मेलन से पहले बुलाई गई भाजपा पार्षद दल की बैठक का भाजपा के पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया था। हांलाकि भाजपा के बडे नेता,महापौर व जिलाध्यक्ष आदि असंतोष के आरोपों का खण्डन  करते रहे थे।
लेकिन अब मण्डल अध्यक्ष के त्यागपत्र देने की खबर ने भाजपा भीतर उबल रहे असंतोष पर मुहर लगा दी है। भाजपा के सूरजमल जैन मण्डल के अध्यक्ष संतोष पोरवाल ने अपना त्यागपत्र जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित को सौंप दिया है। मण्डल अध्यक्ष संतोष पोरवाल ने जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित को दिए अपने त्यागपत्र में निजी व्यस्तता का हवाला दिया है,लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है कि उन्होने यह त्यागपत्र नाराजगी के चलते दिया है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक सूरजमल जैन मण्डल में हाल ही में एक उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई थी। उपाध्यक्ष की नियुक्ति से पहले मण्डल अध्यक्ष को न तो इसकी जानकारी दी गई और ना ही मण्डल अध्यक्ष से उनकी राय ही ली गई। इसी के चलते श्री पोरवाल ने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने का निर्णय ले लिया।
मण्डल अध्यक्ष संतोष पोरवाल द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के मामले में जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित ने इ खबरटुडे को बताया कि श्री पोरवाल ने निजी एवं पारिवारिक कारणों से व्यस्तता के चलते त्यागपत्र दिया है। उनके त्यागपत्र को अभी स्वीकार नहीं किया गया है। श्री पुरोहित के अनुसार वे इस सम्बन्ध में संगठन मंत्री व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से विचार करने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लेंगे। दूसरी ओर संतोष पोरवाल ने अपना मोबाइल स्विच आफ कर लिया है। वे त्यागपत्र मामले पर प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं है।

भाजपा में बगावत के आसार

पिछले लम्बे समय से सत्ता में आसीन भाजपा के कार्यकर्ताओं में इन दिनों भारी असंतोष पनप रहा है। यूं तो नगर निगम से लेकर जिला पंचायत तक हर कहीं भाजपा ही सत्ता में है,लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नगर निगम में महापौर डॉ.सुनीता यार्दे की कार्यप्रणाली के कारण अधिकांश भाजपा पार्षद नाराज है। उच्च शिक्षित महापौर होने के बावजूद नगर निगम में महापौर के पति का भारी हस्तक्षेप है। भाजपा पार्षदों का कहना है कि नगर निगम में भाजपा पार्षदों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके विपरित कांग्रेस पार्षदों का कोई काम नहीं अटकता है। इसी का परिणाम है कि निगम परिषद के सम्मेलन से पहले बुलाई गई पार्षद दल की बैठक का पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया था। स्थिति इतनी खराब है कि एमआईसी सदस्यों से भी महापौर के सम्बन्ध ठीक नहीं है और एमआईसी के अधिकांश सदस्य महापौर से नाराज है।
शहर विधायक का व्यवहार भी भाजपा कार्यकर्ताओं का असंतोष बढाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उद्योगपति शहर विधायक चैतन्य काश्यप अपने उंचे सम्पर्कों के चलते स्वयं तो केबिनेट मंत्री का दर्जा ले आए,लेकिन पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को अपने छोटे छोटे कामों के लिए इधर उधर भटकना पड रहा है। सरकारी दफ्तरों में भाजपा कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती। यहां तक कि पार्टी के पदाधिकारियों को अपने छोटे मोटे कामों के लिए भी रिश्वत देना पड रही है। हाई प्रोफाईल विधायक से मिल पाना भी भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के लिए संभव नहीं है। वार्ड और मण्डल स्तर के पदाधिकारी तो शहर विधायक के नजदीक भी नहीं फटक सकते। भाजपा में बरसों बरस काम कर चुके कार्यकर्ताओं का मानना है कि भारी अंतर से चुनाव जीत कर आए विधायक और महापौर जैसे नेताओं की लोकप्रियता में जबर्दस्त गिरावट आ चुकी है। कार्यकर्ता असंतुष्ट है। ऐसी स्थिति में आगामी दिनों के चुनावों में भाजपा को समस्याओं का सामना करना पड सकता है।

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