प्राकृतिक चिकित्सा से संभव है असाध्य रोगों का स्थाई उपचार
प्रदेश के पहले प्राकृतिक चिकित्सालय में लाभान्वित हो चुके है सैकडों मरीज
रतलाम,18 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। अस्थमा,गठिया,मधुमेह और रक्तचाप जैसे असाध्य रोगों के उपचार में जहां एलोपैथिक चिकित्सा प्रणाली कई बार असफल सिध्द होती है,वहीं प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली ऐसे जटिल और असाध्य रोगों के उपचार में सफल साबित होती है। प्राकृतिक चिकित्सा आधारित प्रदेश का पहला चिकित्सालय आगर-मालवा में सेवा भारती द्वारा संचालित किया जा रहा है और इस चिकित्सालय में अब तक सैकडों मरीज लाभान्वित हो चुके है।
सेवा भारती द्वारा संचालित इस प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग केन्द्र के सम्पर्क प्रमुख गोपाल देराडी ने रतलाम प्रवास के दौरान एक विशेष मुलाकात में बताया कि प्रदेश में यह अपनी तरह का पहला चिकित्सालय है,जहां क्रोनिक बीमारियों के मरीजों को सतत दस दिवसीय प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है। दस दिवसीय चिकित्सा के बाद जटिल से जटिल रोग काबू में आ जाता है।
श्री देराडी ने बताया कि आमतौर पर प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली का उपयोग लम्बे समय से किया जा रहा है,लेकिन पूर्णत: प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा आधारित चिकित्सालय का प्रयोग पहली बार किया गया है। आगर मालवा में संचालित इस चिकित्सालय के बारे में जानकारी देते हुए श्री देराडी ने बताया कि मरीजों को दस दिनों के लिए चिकित्सालय में भर्ती किया जाता है। इन दस दिनों में प्राकृतिक चिकित्सा,योग साधना चिकित्सा,
मालिश,फिजियोथैरेपी,एक्यूप्रैशर,विद्युत चिकित्सा और पंचगव्य चिकित्सा आदि के माध्यम से रोगी का उपचार किया जाता है। श्री देराडी ने बताया कि इस चिकित्सालय में कई ऐसे रोगियों को ठीक किया जा चुका है,जो देश के कई बडे केन्द्रों पर उपचार करवा कर असफल रहे थे। स्लिप डिस्क और सोराइसिस जैसी असाध्य बीमारियों को भी इस चिकित्सालय में ठीक किया गया है।
श्री देराडी ने बताया कि यह चिकित्सालय पांच बीघा क्षेत्र में पूर्णत: प्राकृतिक वातावरण में बनाया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा में आहार को ही उपचार माना गया है,इसलिए रोगियों के लिए चिकित्सालय परिसर में ही जैविक सब्जियां इत्यादि उगाई जाती है। यहीं उत्पादित प्राकृतिक आहार,अंकुरित अनाज,फलों एवं विविध रसों से चिकित्सा की जाती है। चिकित्सालय परिसर में ही गौशाला और गोबर गैस प्लान्ट आदि बनाए गए है। चिकित्सालय में एक समय में बत्तीस मरीजों को भर्ती किए जाने की सुविधा है। उक्त चिकित्सालय सेवा भारती का सेवा प्रकल्प है,इसलिए यहां अत्यन्त न्यूनतम शुल्क पर चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है।
श्री देराडी ने बताया कि उक्त चिकित्सालय को प्रारंभ हुए तीन वर्ष पूरे होने को है। इस चिकित्सालय की स्थापना से लेकर अब तक लगभग आठ सौ मरीजों का उपचार किया जा चुका है। चिकित्सालय में अब तक मोटापा,अस्थमा,मधुमेह,उच्च व निम्र रक्तचाप,गठिया जैसे रोगों का सफलता पूर्वक स्थाई इलाज किया गया है।