प्रणब मुखर्जी ने बढ़ाई संघ की लोकप्रियता, चार गुना बढ़ी आवेदन करने वालों की संख्या
कोलकाता,26 जून (इ खबरटुडे) । पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का फायदा अब आरएसएस को हो रहा है। नागपुर में प्रणब मुखर्जी के दौरे के बाद आरएसएस में शामिल होने के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पश्चिम बंगाल से ही आए हैं। आरएसएस की ओर से पूर्व राष्ट्रपति भेजे गए धन्यवाद पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है।
यह पत्र संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने पूर्व राष्ट्रपति को भेजा है। उन्होंने इसमें मुखर्जी के विचार ‘वन इंडिया’ और ‘भारतीय संस्कृति’ की तारीफ की। पत्र के आखिर में वैद्य ने संघ में शामिल होने के लिए लोगों में बढ़ी दिलचस्पी का भी जिक्र किया है। लोगों के इस रुख से मुख्यमयंत्री ममता बनर्जी की परेशानी बढ़ गई हैं।
अगर इसी तरह से पश्चिम बंगाल के लोगों का संघ से जुड़ने का सिलसिला जारी रहा, तो 2019 में होने वाले चुनावों में टीएमसी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पश्चिम बंगाल में आरएसएस के पश्चिम बंगाल यूनिट के मीडिया प्रभारी बिपलब रॉय बताया कि हमें एक से 6 जून तक औसतन 378 आवेदन रोजाना प्राप्त हुए, लेकिन 7 जून के दिन सबसे ज्यादा 1779 आवेदन हमारे पास आए।
बता दें कि सात जून को ही प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण लेने वाले काडर को संबोधित किया था। नागपुर कार्यक्रम से पहले पश्चिम बंगाल में सात सौ शाखाएं पश्चिम बंगाल में थीं और तीन सौ शाखा उत्तरी बंगाल में थीं।
पूर्व राष्ट्रपति के संघ के कार्यक्रम में जाने के बाद अब 1,200 और 400 शाखाएं दक्षिण और उत्तर बंगाल में चलती हैं। यानी नागपुर कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति के शामिल होने के 20 दिनों में अंदर पश्चिम बंगाल में 600 नई शाखाएं खुल गई हैं। यह ममता बनर्जी के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। पश्चिम बंगाल में एक संघ कार्यकर्ता ने बताया कि
दिग्विजय ने कहा, वह भी संघ के कार्यक्रम में जाते
पूर्व राष्ट्रपति के नागपुर दौरे पर का बचाव करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर संघ ने उन्हें बुलाया होता, तो वह भी जाते। दिग्विजय सिंह ने कहा था- मैं गया होता और उनको आईना दिखाता और अपनी विचारधारा को सबके सामने रखता।