December 25, 2024

पोखरण परीक्षण के वक्त जिस अकेले देश ने किया भारत का समर्थन, उसने वाजपेयी को बताया ‘सच्चा मित्र’

abvp sheron

यरुशलम 19 अगस्त (इ खबरटुडे)। इस्राइल के विदेश मंत्रालय ने भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें ‘इस्राइल का एक सच्चा मित्र’ बताया. विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर हम भारत सरकार और उनके लोगों के प्रति गहरा दुख प्रकट करते हैं. उन्हें हमेशा इस्राइल के एक सच्चे मित्र के तौर पर याद किया जाएगा.’

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी दिवंगत प्रधानमंत्री को ‘इस्राइल का एक सच्चा मित्र’ बताते हुए संवेदनाएं जताईं. भारत और इस्राइल के बीच राजनयिक संबंध 1992 में पीवी नरसिंह राव की सरकार के दौरान स्थापित हुए लेकिन बाजपेयी सरकार के दौरान ये संबंध बहुत तेजी से आगे बढ़े और उस स्तर पर पहुंच गए जहां इस्राइल को भारत के भरोसेमंद साथी के तौर पर देखा जाने लगा. नेतन्याहू ने हाल ही में केरल में आई बाढ़ में जान गवांने वाले लोगों के परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदनाएं जताईं. उन्होंने कहा, ‘इस्राइल इस कठिनाई के समय में भारत के साथ खड़ा है.’

1998 में इस्रायल अकेला देश था जिसने परमाणु परीक्षण पर भारत का साथ दिया
1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश ने दूसरी बार परमाणु परीक्षण किया था. इस परमाणु परीक्षण से दुनिया के ज्यादातर देश आगबबूला हो उठे थे. अमेरिका सहित कई देशों ने तो भारत पर प्रतिबंध भी लगा दिए थे, उस समय इस्रायल पूरी दुनिया में अकेला देश था, जिसने भारत का समर्थन किया था.

कारगिल वॉर के समय की थी मदद
कारगिल वॉर के समय भारत के लिए सबसे तेजी से मदद इजरायल ने ही भेजी थी. कई महत्वपूर्ण चीजों की सप्लाई इजरायल ने की थी. वाजपेयी सरकार के दौरान गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और विदेश मंत्री जसवंत सिंह भी इजरायल की यात्रा पर गए थे. इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शेरोन भी 2003 में भारत की यात्रा पर आए थे. ये किसी इजरायली पीएम की पहली भारत यात्रा थी.

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