त्रिपुरा में 35 साल में पहली बार लेफ्ट के किले में बीजेपी की सेंध, नगालैंड-मेघालय में भी समीकरण बीजेपी के फेवर में
अगरतला/कोहिमा/शिलाॅन्ग,03मार्च(इ खबरटुडे)। तीन पूर्वोत्तरी राज्यों त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। शुरुआती रुझानों में त्रिपुरा में लेफ्ट और बीजेपी+ के बीच कांटे की टक्कर नजर आई। लेकिन अब बीजेपी गठबंधन आगे निकलकर सरकार बनाने की स्थिति में दिख रहा है। 35 साल में पहली बार बीजेपी को त्रिपुरा में इतनी कामयाबी मिली है। 25 साल से लगातार सत्ता में रहा लेफ्ट यहां कमजोर हुआ है। वहीं, नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाने के समीकरण बीजेपी के ही फेवर में नजर आ रहे हैं।
यहां शुरुआती रुझान में बीजेपी+ (यानी बीजेपी और इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) और लेफ्ट के बीच कांटे की टक्कर नजर आई। जिस त्रिपुरा में बीते 25 साल में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था, वहां उसने 51 सीटों पर माकपा को चुनौती दी थी। यहां पहली बार वह सबसे ज्यादा सीटें लेकर आ रही है।
किसने चुनी सरकार?
वोटर: 25 लाख, वोटिंग: 89.8%
– त्रिपुरा में 25 साल से लेफ्ट की सरकार है। माना जा रहा है कि उसे एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर के चलते नुकसान हुआ है।
– यहांं 59 सीट पर चुनाव हुआ। एक सीट पर उम्मीदवार का निधन होने की वजह से चुनाव नहीं हुआ।
कौन हैं सीएम का चेहरा?
– मौजूदा सीएम माणिक सरकार। वे 1998 से सीएम हैं। बीजेपी ने सीएम कैंडिडेट के लिए किसी के नाम का एलान नहीं किया था। उसने मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा।
खासियत: माणिक की बेदाग छवि। इनके पास खुद का न मोबाइल है, न घर है, न कार है। वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।
कमजोरी: ऐसा कहा जाता है कि इसी बात को लेकर युवाओं में नाराजगी है। आरोप लगते हैं कि राज्य आईटी सेक्टर में पिछड़ा है।
जातिगत समीकरण क्या है?
– 25 लाख से ज्यादा वोटर हैं। जातिगत समीकरण के लिहाज से 70% वोटर बंगाली और अन्य, 30% वोटर आदिवासी (शेड्यूल ट्राइब) हैं। बीजेपी ने क्षेत्रीय दल इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया था। आईपीएफटी काफी वक्त से अलग आदिवासी बहुल त्रिपुरालैंड राज्य बनाने की मांग करती आ रही है। बीजेपी ने 60 में से 51 सीटों पर और आईपीएफटी ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा।
– बीजेपी और आरएसएस ने पिछले चार साल से इन्हीं आदिवासियों के बीच काम किया।
– त्रिपुरा में बंगाली हिंदू आबादी में करीब 70% नाथ योग संप्रदाय के वोटर हैं। अगरतला में नाथ मंदिर भी है। इन्हें लुभाने के लि यूपी के सीएमयोगी ने रोड शो और जनसभाएं की हैं।
2) मेघालय: बहुमत: 31/59
2013: कांग्रेस जीती
इस बार: Cong v/s NPP v/s BJP
यहां कांग्रेस जरूर सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है। लेकिन बीजेपी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी मिलकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि एनपीपी और यूडीएफ, दोनों ही केंद्र में एनडीए में शामिल हैं। ऐसे में बीजेपी, एनपीपी और यूडीएफ मिलकर सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल करते दिख रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट में बीजेपी के कन्वीनर हेमंत बिस्व सरमा ने भी दावा किया कि मेघालय में गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई जाएगी।