November 18, 2024

तेजस्वी पर नहीं झुके नीतीश, कहा- अंतरात्मा की आवाज़ पर दिया इस्तीफा

नई दिल्ली,26 जुलाई (इ खबर टुडे )। बुधवार का दिन बिहार में महागठबंधन की सरकार के लिए बहुत अशुभ दिन रहा।तेजस्वी मुद्दे पर पिछले करीब 20 दिनों तक महागठबंधन के दो सहयोगी दल जेडीयू और राष्ट्रीय जनता दल के बीच टकराव के अंजाम के रुप में नीतीश कुमार का इस्तीफा सामने आया है। नीतीश कुमार ने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कि मौजूदा माहौल में काम करना संभव नहीं था।नीतीश ने कहा कि अंतरात्मा की आवाज़ पर उन्होंने ये इस्तीफा दिया है। उन्होंने आगे कहा- “मैने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा था। तेजस्वी के मामले पर राहुल से भी बात की। हमने अच्छा काम करने का प्रयास किया।”  

अचानक नहीं हुआ नीतीश का इस्तीफा   

नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद से यह इस्तीफा अचानक नहीं हुआ है। Jagran.com ने अपनी स्पेशल रिपोर्ट में पहले ही बता दिया था कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी मुद्दे पर बड़ा फैसला ले सकते हैं और हुआ भी वही। दरअसल, नीतीश कुमार के इस्तीफे के पीछे की कहानी राष्ट्रपति चुनाव से शुरू होती है। महागठबंधन में पहले इस बात पर सहमति थी कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साझा उम्मीदवार घोषित किया जाए। महागठबंधन के द्वारा उम्मीदवार घोषित करने से पहले एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। नीतीश ने रामानाथ कोविंद पर महागठबंधन से अलग जाकर अपना स्टैंड लिया और ये तत्काल दोनों सहयोगी दलों में कलह की बड़ी वजह बनी।

तेजस्वी पर गई बिहार की सरकार

बुधवार को महागठबंधन में शामिल दोनों दल जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल की ओर से विधानमंडल की बैठक बुलाई गई। राजद ने अपनी तरफ से यह साफ कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर तेजस्वी का इस्तीफा मंजूर नहीं करेगी। उधर, जेडीयू ने विधानसमंडल दल की बैठक की और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे गवर्नर से मिलने के लिए निकले और अपना इस्तीफा दे दिया।

लालू ने कहा- तेजस्वी नहीं देंगे इस्तीफा

राजद सुप्रीमो लालू यादव जब अपने बेटे तेजस्वी और पत्नी राबड़ी देवी के साथ मीडिया के सामने मुखातिब हुए तो उन्हें साफ कह दिया कि उन्हें तेजस्वी की इस्तीफा मंजूर नहीं है। लालू ने बकायदा इसके लिए मीडिया को कसूरवार ठहराते हुए कहा कि ये सब उनकी ही दिमागी उपज है। महागठबंधन में दरार की ख़बरों के बीच राजद सुप्रीमो ने कहा कि ये सब मीडिया की देन है और नीतीश कुमार क्या फैसला लेंगे ये बात या तो नीतीश कुमार बता सकते हैं या फिर मीडिया।

लालू ने आगे कहा कि वो चाहते हैं कि गठबंधन अपना कार्यकाल पूरा करे और नीतीश कुमार महागठबंधन दल के नेता हैं और आगे रहेंगे। जबकि, दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी स्पष्ट शब्दों में ये कहा कि जब उनसे इस्तीफा ही नहीं मांगा गया है तो वे क्यों अपना पद छोड़ें।

राजद-जेडीयू ने बुलाई विधानमंडल की अलग-अलग बैठक
बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफा न देने पर अड़ी राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर विधानमंडल की बैठक बुलाई । राजद ने बैठक में अपने सभी विधायकों और विधान पार्षदों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कहा था। जबकि, दूसरी तरफ इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार 1, अणे मार्ग पर जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक की। जेडीयू ने पहले यह बैठक 27 जुलाई को रखी थी लेकिन, एक दिन पहले बुलाई गई।

महागठबंधन पर आज बड़ा ऐलान
तेजस्वी पर आर-पार की स्थिति मे आए महागठबंधन में शामिल दोनों दल जेडीयू और राजद के बीच बयानबाजी को देखते हुए आज का दिन जहां महत्वपूर्ण माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नीतीश ने एक दिन पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ तेजस्वी के मुद्दे पर अपने रुख को साफ करते हुए बता दिया है कि वह झुकनेवाले नहीं। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि गठबंधन बचाने की जिम्मेदारी किसी एक दल की नहीं बल्कि सभी की है।

जाहिर है नीतीश के इस बयान के बाद राजद के ऊपर यह संदेश गया है कि वह तेजस्वी पर क्या कदम उठाती है। हालांकि, दोनों ही दल मानसून सत्र में अपनाई जानेवाली अपनी रणनीति पर भी बैठक करेंगे। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि तेजस्वी पर कुछ बड़ा फैसला हो सकता है।

मानसून सत्र में घेरने की है भाजपा की रणनीति
शुक्रवार यानि 28 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर भाजपा की रणनीति काफी हमलावर रहने वाली है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को लगातार पांच ट्वीट कर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह के आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है। सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार को महागठबंधन की ड्राइविंग सीट सौंपने पर राजद ने पहले आनाकानी की और अब वह चाहता है कि गाड़ी भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढ़ों वाली सड़क पर उतार दी जाए।

‘हाइजैक विमान के पायलट हैं नीतीश कुमार’

उन्होंने कहा कि ड्राइवर (मुख्यमंत्री) की हालत अपहृत विमान के पायलट-जैसी हो गई है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तंज कसा है। सुशील मोदी ने आगे ट्वीटर पर लिखा है कि 26 वर्ष की उम्र में 26 बेनामी सम्पत्तियां अपने नाम कराने वाले तेजस्वी यादव के समर्थन में राजद का नया कुतर्क यह है कि सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार जारी है, इसलिए इस मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात दिखावा है।

सुशील मोदी ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि लालू बताएं कि अगर समाज में गरीबी, शोषण और सामाजिक अन्याय जारी है तो क्या उसके खिलाफ संघर्ष नहीं होना चाहिए?

स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में- केसी त्यागी
राजद और जेडीयू के बीच टकराव के बाद जो स्थित बनी है उसको लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने हालांकि यह साफ किया है कि स्थिति तनावपूर्ण तो है, लेकिन नियंत्रण में है। तो वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने महागठबंधन को बचाए रखने की अपील है। वैसे, शरद यादव के बयान पर खुद जेडीयू के अंदर काफी बहस इस बात को लेकर चल रही है कि भ्रष्टाचार से समझौता करते हुए कैसे महागठबंधन को कायम रखा जाए। जेडीयू के अंदर अब इस बात की चिंता बढ़ गई है कि विधानसभा में जब राजद के सदस्य तेजस्वी यादव को लेकर भाजपा के हमलों पर पलटवार करेंगे तब जेडीयू की रणनीति क्या होगी।

ऐसे में राजद और जेडीयू में तल्ख तेवरों के बीच महागठबंधन में लटकती तलवार के बाद अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव पर क्या फैसला लेंगे। हालांकि, इस बात की संभावना कम दिखती है कि नीतीश कुमार इस पूरे मुद्दे पर झुकने को तैयार होंगे, क्योंकि और कुछ नहीं बल्कि उनकी छवि ही इस पूरे मामले में दांव पर लगी हुई है। अगर तेजस्वी यादव पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो जनता नीतीश से इस बात का जवाब तो मांगेगी ही। ]

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