जिम्मेदार अधिकारी किसानों का कराये पंजीयन – कलेक्टर
रतलाम,21सितम्बर(इ खबर टुडे)। सोयाबीन, मक्का, उड़द और मुंग की फसल का उत्पादन करने वाले सभी किसानों का पंजीयन किया जाये और पंजीयन कराकर किसानों केा लाभान्वित किया जाये। इसके लिये सभी सहकारिता निरीक्षक किसानों को फोन लगाकर बुलाये। किसी भी किसान के फसल संबंधी सत्यापन के लिये उसका पंजीयन होना आवष्यक है। यह बात कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक अध्यक्ष अशोक चोटाला की उपस्थिति में सहकारिता के जिम्मेदार अधिकारी एवं सोसायटियों के सचिवों के सामने कही।
जिला सहकारी बैंक की सोसायटियों में किसानों के पंजीयन की समीक्षा में कलेक्टर ने सरवन में शुन्य, नामली में शुन्य, ढोढर मंे दो, रिंगनोद में दो ही किसानों का पंजीयन होना पाया। इस पर उन्होने गहरा असंतोष व्यक्त किया। सोसायटी के सचिवों ने प्रक्रिया में कोर्ट की समस्या होना बताया। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि सभी सोसायटियों ने पंजीयन केन्द्र का कार्य होता हैं। इसकी सूचना पटल पर प्रदर्षित की जाये। कलेक्टर ने आगामी समय में सभी सहकारिता निरीक्षकों की बैठक बुलाकर लक्ष्य पूरा करने के निर्देष दिये।
कलटिवेटरों का करे उपयोग
कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने सहकारिता विभाग की बैठक के दौरान कलटिवेटर, प्लम्ब, रोटावेटर चलने वाले टेªक्टरों का अधिक से अधिक उपयोग कर अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि किसानों से सम्पर्क कर कम से कम चार सौ पचास घण्टे कलटिवेटरों का उपयोग कराया जाना सुनिष्चित करें। जिन सोसायटियों के सचिव कलटिवेटरों का उपयोग बिल्कुल नहीं कर पा रहे हैं उनके विरूद्ध जाॅच की कार्यवाही की जाये। सोसायटियांे के सचिवों ने कलटिवेटरों के कम उपयोग का एक
प्रमुख कारण मेनटेनेंस की समस्या होना बताया। कलेक्टर ने मेनटेंनेस कार्य के लिये एक नोडल कर्मचारी नियुक्त कर सुधार संबंधी कार्य कराने के निर्देश दिये।
गबन के मामलों मंे राशि की वसूली की जायें
कलेक्टर ने सहकारी संस्था मर्यादित के मामलों में विभिन्न कर्मचारियों द्वारा किये गये गबन संबंधी मामलों की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में आयुक्त सहकारिता ने बताया कि वर्तमान में कुल नौ प्रकरण गबन संबंधी प्रचलन में है जिनमें संबंधित कर्मचारी की सेवा समाप्ति की कार्यवाही कर दी गई है तथा मामले न्यायलयीन प्रक्रिया में चल रहे है। कलेक्टर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि जिन मामलों में एफआईआर की कार्यवाही नहीं हो सकी हो। ऐसे मामलों में नियमानुसार एफआईआर की कार्यवाही दर्ज की जाये। गबन करने वाले कर्मचारियों की मृत्यु होने की दशा में शासकीय नियमानुसार उनके वारिसों से राशि की वसूली की जाये।