जिंदगी की जंग हारा आयुष, 30 घंटे बाद बोरवेल से निकाला जा सका
बड़नगर 19 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।। यहां से करीब 21 किलोमीटर दूर ग्राम मुंडला में करीब 130 फीट गहरे बोरवेल में गिरे चार वर्ष के बालक आयुष परमार को करीब 30 घंटे की मशक्कत के बाद निकाल लिया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बालक की हालत नाजुक थी। उसे उपचार के लिए बड़नगर अस्पताल भेजा गया था। टीवी चैनलों ने कलेक्टर के हवाले से बच्चे के जीवित नहीं होने की खबर प्रसारित की। इस खबर के बाद गांव में मातम का माहौल है।
खेत मालिक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया
बोरवेल के पास पोकलेन से खुदाई की गई थी। शाम के बाद से बच्चे की हलचल सुनाई नहीं दे रही थी। इस दौरान बोरवेल में काली चट्टान की वजह से बार-बार बचाव काम रोकना पड़ा। वहीं लापरवाही के चलते खेत मालिक कालूसिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
मशीनें बोरवेल में अटके मासूम आयुष तक नहीं पहुंच पाई थी। थक-हार कर प्रशासन द्वारा बदनावर के आगे से सौलर पंखे वालों से सम्पर्क कर ट्रैक्टर में लगी बड़ी ड्रील मशीन बुलवाई गई। इस तरह की मशीन आड़े होल करने के काम आती हैं। ।
आयुष परमार खेलते-खेलते बोरवेल में जा गिरा था
उल्लेखनीय है कि मटरफली तोड़ने खेत पर मां के साथ गया चार वर्षीय आयुष परमार खेलते-खेलते बोरवेल में जा गिरा था । करीब 30 फीट गहराई में फंसा आयुष दोपहर करीब 2.15 बजे अंदर से बोल रहा था-पापा म्हने बाहर निकालो, ऊपर से गारा (मिट्टी) मत गिराओ। यह बात आयुष के पिता महेश ने बताई। हालांकि देर रात उसकी हलचल नहीं सुनाई दे रही थी।
चट्टान आने से कार्य बाधित हुआ
शुक्रवार सुबह हुए हादसे के बाद बालक को निकालने के लिए एक घंटे में ही राहत कार्य शुरू हो गए। प्रशासन ने 5 जेसीबी मशीन ने बोरवेल से 50 फीट दूर से गड्ढा करना शुरू किया। 3 पोकलेन, ऑक्सीजन सिलेंडर, अन्य उपकरणों के साथ बचाव कार्य जारी था। चट्टान आने से कार्य बाधित हुआ।
आयुष को बाहर निकालने की कोशिश आधी रात के बाद से आज दोपहर बाद तक की गई। तत्काल राहत कार्य शुरू होने और अच्छी मशीनों के इंतजाम के कारण बच्चे के जल्द बचाव की उम्मीद पर करीब 11 घंटे बाद तब ग्रहण लग गया था जब कड़ी चट्टान आ गई थी इसके बाद मशीनों से खोदे गए गड्ढे से बोरवेल तक सुरंग बनाने में ड्रिलिंग मशीन के इस्तेमाल के बाद भी बार-बार काम रोकना पड़ा। पिता महेश ने बताया कि आंखों की तकलीफ की वजह से उसे कम दिखाई देता था।