गोल्ड काम्प्लेक्स को ईको-फ्रेण्डली बनाये – कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर
रतलाम 19 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने कहा हैं कि रतलाम में निर्मित होने वाले गोल्ड काम्प्लेक्स को ईको -फ्रेण्डली बनाने के संबंध में प्रयास किये जायेगें। रतलाम के स्वर्ण व्यवसाय के लिये अनुपम सौगात साबित होने वाले इस काम्प्लेक्ट को सर्व सुविधा युक्त बनाने के लिये व्यापारियों एवं इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों से विचार विमर्श किया जा रहा है। इस संबंध में जिले के व्यापारियों की राय को भी महत्व दिया जा रहा है। सभी के विचार विमर्श से यह प्रयास किये जा रहे हैं कि गोल्ड काम्प्लेक्स के रूप में रतलाम को सर्व सुविधा युक्त काम्प्लेक्स उपलब्ध हो सके।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज स्वर्ण व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि जिस क्षेत्र में गोल्ड काम्प्लेक्स स्थापित किया जाना है, उस क्षेत्र की परिस्थिति के अनुसार वहा पर सभी सुविधाएॅ उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगा। काम्प्लेक्स में व्यापारियों को विभिन्न सुविधाओं के साथ सुरक्षा भी उपलब्ध हो सकें, इसको लेकर भी प्रयास किये जा रहे है। कलेक्टर ने कहा कि गोल्ड काम्प्लेक्स में उपलब्ध किये जाने वाले संसाधनों, सुविधाओं एवं आवश्यक स्थान के संबंध में व्यापारी आपस में बैठकर निर्धारण्ा कर ले जिसकी जानकारी आर.डी.ए.को उपलब्ध करा दे। उक्त जानकारी के आधार पर काम्प्लेक्स में सुविधाओं एवं संसाधनों का निर्धारण किया जायेगा।
रतलाम की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी – विधायक चेतन्य काश्यप
बैठक में रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि गोल्ड काम्प्लेक्स के रूप में रतलाम शहर को आधुनिक सौगात मिल रही है। इसके माध्यम से रतलाम प्रमुख व्यापारी केन्द्र के रूप में उभरेगा और यहा के स्वर्ण व्यवसाय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी। उन्होने गोल्ड काम्प्लेक्स के लिये स्थान के चयन के लिये कलेक्टर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा कि गोल्ड काम्प्लेक्स निर्माण के लिये स्थान
के साथ ही व्यापारियों के द्वारा आभुषण्ा निर्माण संबंधित स्थान का सुझाव दिया गया हैं इसके लिये पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण पर भी विचार किया जाना आवश्यक है। श्री काश्यप ने कहा कि काम्प्लेक्स में शोरूम किस साईज के बनेगे इस पर भी व्यापारी विचार विमर्श करें ताकि उनके अनुरूप शोरूम की संख्या का निर्धारण किया जा सके। काम्प्लेक्स के निर्माण में व्यवसायियों के लिये पार्किग, केनटिन, आवास की सुविधा के साथ ही परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
आने वाली पीढी को रोजगार मिले इस संबंध में भी ध्यान रखना आवश्यक
उन्होने सोने-चांदी की उपलब्धता और सम्भावनाओं पर भी विचार विमर्श करने की बात कही। श्री काश्यप ने कहा कि गोल्ड काम्प्लेक्स की दीवारे आरसीसी की बनाने का सुझाव बेहतर है और इसके साथ ही लॉकर्स सुविधा व्यापारियों को उपलब्ध हो इसके लिये भी बैंक के माध्यम से प्रयास किये जा सकते है। उन्होने कहा कि गोल्ड काम्प्लेक्स के माध्यम से रतलाम का स्वर्ण व्यवसाय नई पहचान बनाये और आने वाली पीढी को रोजगार मिले इस संबंध में भी ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होने स्वर्ण व्यवसाय से जुडे कारीगरों एवं व्यापारियों के प्रशिक्षण के लिये दिये गये सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कौशल में वृध्दि होगी।
क्षेत्र की सुंदरता कायम रहे – महापौर डॉ. यार्दे
महापौर डॉ. सुनिता यार्दे ने इस अवसर पर कहा कि जिस स्थान पर गोल्ड काम्प्लेक्स का निर्माण होना हैं यह ग्रीन जोन हैं और इसकी सुंदरता को बनाये रखने के लिये व्यापारी अपने स्तर पर प्रयास करें। उन्होने कहा कि गोल्ड काम्प्लेक्स में एक प्रदर्शनी हाल का प्रावधान भी रखा जाये ताकि समय-समय पर लगने वाली प्रदर्शनी को यहा प्रस्तुत किया जा सके।
व्यापारियों ने दिये महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष झमक भरगट ने कहा कि काम्प्लेक्स का रास्ता नगर निगम के सामने मेन रोड़ से दिया जाये, दीवारों के चारों तरफ आरसीसी का निर्माण हो, सुरक्षा की दृष्टि से यहा पुलिस चौकी का निर्माण भी आवश्यक है। रतलाम सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक डोसी ने कहा कि काम्प्लेक्स में सराफा व्यापार से जुड़े सभी लोगों को दुकाने उपलब्ध कराई जाये। दुकानों का आकार भले कम हो लेकिन इसे तीन मंजिला शोरूम दिया जा सकता है। उन्होने स्वर्ण आयात-निर्यात की व्यवस्था के साथ ही काम्प्लेक्स के क्षेत्र को कर मुक्त किये जाने संबंधी सुझाव भी दिया।
रतलाम स्वर्णकार महासंघ के अध्यक्ष नंदकिशोर रूनवाल एवं सचिव रमेश सोनी ने कहा कि काम्प्लेक्स में स्वर्णकार समाज के व्यापारियों को भी स्थान दिया जाये। उन्होने कहा कि रतलाम में स्वर्णकार समाज के तीन हजार से अधिक घर होकर पन्द्रह हजार से अधिक सदस्य निवास करते है। परिसर में अलग जोन में निर्माण्ा हो तथा विक्रय रिफायनरी व मशीनरी के लिये भी स्थान उपलब्ध कराया जाये।