November 21, 2024

तीसरे दिन भी जारी रही वकीलों की हडताल

कर्मचारी लामबन्द हुए वकीलों के खिलाफ

रतलाम,22 फरवरी(इ खबरटुडे)। एसडीएम सुनील झा को हटाने के लिए वकीलों द्वारा शुरु किया गया आन्दोलन अब भी जारी है। शनिवार को भी वकील न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा कर चुके है। वकीलों ने शनिवार को दिनभर धरना दिया और नारेबाजी की। इस दौरान अभिभाषकों की जिला न्यायाधीश ओपी शर्मा से बहस भी हुई। उधर एसडीएम कार्यालय के लिपिक दुबे को हटाए जाने के खिलाफ शासकीय कर्मचारी लामबन्द होकर सड़कों पर उतर आए है। उन्होने शनिवार को हडताल रख जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
एसडीएम सुनील झा की विवादित कार्यप्रणाली के विरोध में अभिभाषकों द्वारा शुरु किया गया आन्दोलन चौथे दिन भी जारी है। शनिवार को भी अभिभाषक गण न्यायिक कार्य से विरत है। इस घटनाक्रम में नया मड आज तब आया,जब कलेक्टोरेट के शासकीय कर्मचारियों ने शनिवार सुबह हडताल करने की घोषणा कर दी। शासकीय कर्मचारी एसडीएम कार्यालय के लिपिक श्री दुबे को हटाए जाने से नाराज है। शासकीय कर्मचारियों का कहना है कि वे किसी के दबाव में काम नहीं करेंगे। लिपिक तो अधिकारी के निर्देश पर काम करता है। वकीलों की नाराजगी के चलते जिस तरह श्री दुबे को हटाया गया है,उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कर्मचारियों ने शनिवार को कार्यालय खुलते ही हडताल की घोषणा कर डाली। उन्होने काम बन्द कर अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।
इधर पिछले तीन दिनों से आन्दोलन कर रहे अभिभाषकों ने शनिवार को भी सारा दिन न्यायालय परिसर के भीतर धरना दिया। धरना स्थल पर मौजूद अभिभाषकों ने आक्रोश भरे भाषण दिए। एडवोकेट संतोष त्रिपाठी,नीरज सक्सेना,अध्यक्ष संजय पंवार,सचिव दीपक जोशी,युसूफ जावेदी,आशीष बिलाला समेत अनेक अभिभाषकों ने अंतिम विजय होने तक संघर्ष जारी रखने का आव्हान किया।

जिला न्यायाधीश से बहस

अभिभाषकों के धरने के दौरान कलेक्टर राजीव दुबे जिला न्यायालय में पंहुचे थे। वे जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में होने वाली जिला स्तरीय मानिटरिंग कमेटी की बैठक में भाग लेने पंहुचे थे। कलेक्टर की मौजूदगी के कारण अभिभाषक गण जिला न्यायाधीश के कार्यालय के नीचे

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पंहुच कर कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। काफी देर तक नारेबाजी होने के बाद जिला न्यायाधीश ओपी शर्मा स्वयं नीचे उतर कर आए और उन्होने अभिभाषकों को नारेबाजी करने से रोका। उनका कहना था कि कार्यालय के बाहर अभिभाषकों की नारेबाजी उचित नहीं है। इस बात को लेकर अभिभाषकों और जिला न्यायाधीश के बीच काफी देर तक गर्मागर्म बहस भी हुई। बाद में अभिभाषक पुन: धरना स्थल पर आ गए। कलेक्टर राजीव दुबे भी बैठक के बाज दूसरे गेट से बाहर निकल गए।

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