November 14, 2024

उज्जैन के मौनी बाबा का निधन, पुणे में चल रहा था इलाज

उज्जैन,03 मार्च(इ खबरटुडे)। देश के चर्चित तपस्पी मौनी बाबा का शनिवार को सुबह 6.30 पर निधन हो गया है। वे पुणे के एक अस्पताल में भर्ती थे। उनकी पार्थिव देह शनिवार शाम उज्जैन लाई जाएगी। अंतिम संस्कार मोनतीर्थ गंगाघाट आश्रम पर रविवार सुबह 11 बजे किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक मौनी बाबा की पार्थिव देह को मुखाग्नि उनके मानस पुत्र सुमनभाई मानस भूषण देंगे।

108 वर्षीय मौनीबाबा के जन्म स्थान, शिक्षा और नाम को लेकर कई किवदंती है, मगर प्रमाणित रूप से बताया गया है कि वे वर्ष 1962 में उज्जैन आए थे। उन्होंने शुरुवात के पांच साल नरसिंह घाट पर तपस्या की। फिर गंगाघाट को अपनी तपस्थली बनाया।

संकल्प के तहत तकरीबन 80 वर्षो से मौन धारण किए थे। अपनी बात स्लेट पर लिखकर बयां करते थे। जीवनपर्यंत सिर्फ दूध और फल का आहार किया। सबका भला हो और विश्व का कल्याण, यही उनकी अंतिम इच्छा थी। इसके लिए उन्होंने महाकुम्भ सिंहस्थ-2016 में 100 वर्षीय अखंड यज्ञ की स्थापना की। दिवंगत पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह ने मौनीबाबा की प्रेरणा से राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान की स्थापना कराई थी। पदमश्री सोमा घोष सहित उनके हजारों अनुयायी है, जो संतश्री के निधन की खबर से शोक मैं है।

डेढ़ माह से पुणे में चल रहा था इलाज
पुणे के एक अस्पताल में मौनीबाबा का डेढ़ माह से इलाज चल रहा था। उन्हें श्वास की समस्या थी। बाद में निमोनिया हो गया था। चार दिन पहले वे ठीक भी हो गए थे। मगर शुक्रवार दोपहर तबियत बिगड़ने पर उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर रखना पडा और शनिवार अलसुबह ब्रह्मलीन हो गए।

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