December 24, 2024

Double Murder : इंदौर में दोहरा हत्याकांड : प्रेमी के साथ मिलकर कलयुगी बेटी ने सुनाई अपने ही माता-पिता की हत्या की कहानी

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इंदौर,18 दिसम्बर(इ खबर टुडे)। पंद्रहवीं बटालियन के सिपाही ज्योतिप्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम की हत्या Bouble murder करने वाला धनंजय यादव उर्फ डीजे और ज्योति की बेटी (नाबालिग) ने हत्या स्वीकार ली है। आरोपित किशोरी ने ही हत्या का षड्यंत्र रचा था। हत्या के बाद दराता और चाकू सुपर कॉरिडोर पर फेंक दिया था। आरोपित बाइक से भागते पकड़ाए हैं।

डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित रुक्मणी नगर में गुरुवार तड़के 45 वर्षीय ज्योतिप्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम के उनके घर में ही रक्तरंजित अवस्था में शव मिले थे। घटना के बाद से उनकी बेटी गायब थी। वह केंद्रीय विद्यालय में दसवीं की छात्रा हैं। वह एक पत्र भी लिखकर गई थी। उसमें पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

देर रात दोनों को पुलिस ने मंदसौर और नीमच के बीच से उस वक्त पकड़ लिया, जब राजस्थान भागने की फिराक में थे। पूछताछ में लड़की ने कहा मैंने ही डीजे को बुलाया था। रात को पापा शराब के नशे में थे। वो अक्सर शराब पीकर आते थे। घर में मम्मी-पापा का रोजाना झगड़ा होता था। मैं रोजाना के विवादों से तंग आ गई थी। मेरे साथ भी उनका व्यवहार ठीक नहीं था। इस कारण मैंने डीजे से दोनों को मरवा दिया। डीजे ने कहा कि लड़की से प्रेम करता हूं। उसकी परेशानी देखी नहीं गई।

थाना में दोहराई दुष्कर्म की कहानी, पुलिस को शक

सूत्रों के मुताबिक लड़की ने थाने में कहा कि पिता मेरे साथ गलत काम करते थे। मां उनका साथ देती थी। मुझे दोनों से नफरत होने लगी थी। पुलिस के मुताबिक हत्या दराते और चाकू से की है। आरोपित हथियार भागते वक्त सुपर कॉरिडोर पर फेंकना बता रहे हैं।

योजनाबध्द तरीके से दिया घटना को अंजाम

पुलिस के अनुसार इस हत्याकांड को योजनाबध्द तरीके से अंजाम दिया गया। मृतकों की नाबालिग बेटी के मन में माता-पिता के प्रति कितना गुस्सा भरा हुआ था कि उसने उनकी हत्या तक की योजना बना ली थी। शातिर बेटी ने अपने प्रेमी धनंजय के साथ भागने की योजना बना ली थी और धनंजय से नींद की गोलियां लाकर देने को कहा था ताकि वह ये गोलियां माता-पिता के खाने में मिलाकर दोनों को नींद में सुला दे और फिर दोनों माल बटोरकर रफूचक्कर हो जाएं। चूंकि दवा की दुकान से डॉक्टर की पर्ची के बिना नींद की गोलियां नहीं मिलती है।

इसलिए दवा की दुकान वाले ने धनंजय को साधारण तरह की गोलियां दे दीं। बेटी ने ये गोलियां माता-पिता के रात के खाने में मिला दी लेकिन आरोपित को यह पता नहीं था कि जो गोलियां वे खरीदकर लाए हैं, वे बेअसर है। योजनानुसार धनंजय अपनी प्रेमिका के घर पहुंच गया। जब दोनों माल बटोरने में लगे थे, तभी खटपट की आवाज सुनकर ज्योति की नींद खुल गई। यह माजरा देखकर ज्योति और धनंजय के बीच हाथापाई हुई।

ज्योतिप्रसाद संभल पाता इससे पहले ही तैयारी के साथ आए धनंजय ने ज्योति पर ताबड़तोड़ धारदार हथियार से वार कर दिए। तब तक नीलम की भी नींद खुल गई थी और वह बीच-बचाव करती। आरोपित ने नीलम पर भी घातक वार किए। घटनाक्रम इतनी तेजी से हुआ कि दोनों को बचाव करने का मौका ही नहीं मिला। इस दौरान शातिर बेटी घर के बाहर कुत्ते को घुमाने निकल गई और आरोपित ने दोनों को हमेशा के लिए गहरी नींद में सुला दिया।

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