वृध्दों को पेंशन नहीं तो फिर तनख्वाह क्यों मिलें- कलेक्टर
न.नि. पेंशन शाखा के कर्मचारियों के एक माह के वेतन की रिकवरी करें- कलेक्टर
रतलाम 29 सितम्बर(इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आज जन सुनवाई में नगर निगम की पेंशन शाखा में कार्यरत कर्मचारियों के आगामी आदेश तक वेतन रोकने के निर्देश दिये। जन सुनवाई में कई वृध्द महिलाओं के द्वारा शिकायत की गई कि उन्हें विगत कई माहों से वृध्दावस्था पेंशन की राशि नहीं मिली है। कलेक्टर ने शाखा के कर्मचारियाें के इस माह में निकाले गये वेतन की भी रिकवरी करने के निर्देश दिये है। उन्होने जन सुनवाई में आये अन्य शिकायकर्ताओं और पीड़ितो की समस्याओं को सुना व निराकरण किया। कलेक्टर ने अधिनस्थ अधिकारियों को राज्य बीमारी सहायता के प्रकरण तैयार करवाने, गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले के नाम बीपीएल सूची में जोड़ने, अतिक्रमण हटाने, मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये। आज जन सुनवाई में 143 प्राप्त हुए जिनके निराकरण संबंधी कार्यवाही के निर्देश दिये।
नेहा का बाल हद्वय उपचार योजनान्तर्गत उपचार होगा
कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने जन सुनवाई में लोहार रोड़ निवासी शंकर पिता गोपाल की आठ माह की पुत्री नेहा के ईलाज हेतु मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी को बाल हद्वय उपचार योजनान्तर्गत प्रकरण तैयार कर राशि रूपये एक लाख प्रदान करने के निर्देश दिये है। उन्होने एसडीएम शहर को श्री शंकर का गरीबी रेखा के नीचे का राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिये है। जन सुनवाई में नेहा के माता-पिता ने अवगत कराया कि वे बहुत ही गरीबी लोग हैं और उनकी बेटी के दिल में छेद है। जिसका ईलाज वे कराने में असमर्थ है। कलेक्टर ने सीएचएमओ का 5 अक्टूबर 2015 तक आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
मॉ आवेदन पंजी पर ही कलेक्टर से लिखवा ले गई
जन सुनवाई में कलेक्टर द्वारा नेहा के ऑपरेशन के लिये हर सम्भव सहायता करने के आश्वासन के बावजुद उसकी मॉ का दिल नहीं माना। उसने अस्पतालों द्वारा गरीब लोगों को समुचित रूप से सहयोग नहीं करने का हवाला देते हुए कलेक्टर से एम.व्हाय.हास्पिटल के लिये उपचार में आने वाले व्यय संबंधी स्टीमेट बनाने के लिये तत्काल लिख देने का आग्रह किया। साथ ही जन सुनवाई में प्रस्तुत आवेदन की पंजीयन पर्ची कलेक्टर के समक्ष रख दी। कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर एक माह के दर्द और उसके आग्रह को ठुकरा नहीं पाये और उन्होने पंजीयन पर्ची पर ही अस्पताल प्रबंधन से स्टीमेट बनाने का आग्रह लिखित में कर दिया। कलेक्टर ने उसी पर निजी सहायक से कलेक्टर की पदमुद्रा लगवाते हुए पर्ची नेहा की मॉ को सौप दी।