November 15, 2024

ममता को डर था- भाजपा की रथ यात्रा निकलती तो उनकी सरकार की अंतिम यात्रा होती: शाह

कोलकाता,22 जनवरी(इ खबर टुडे)।भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मालदा में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस पर निशाना साधा। शाह ने कहा- ममता सरकार ने भाजपा को रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी। ममता को डर था कि रथ यात्रा निकलती तो यह उनकी सरकार की अंतिम यात्रा होती।

शाह ने कहा, ”पंचायत चुनाव में 65 से ज्यादा भाजपा और अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। तृणमूल के गुंड़ों ने अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को पर्चे तक नहीं डालने दिए। कान खोलकर सुन लो तृणमूल वालों, लोकसभा चुनाव में ऐसी गलती नहीं करना, नहीं तो सेंट्रल मिलिट्री फोर्स आपकी ईंट से ईंट बजा देगी। हर बूथ पर निर्वाचन आयोग के अधिकारी तैनात होंगे।”

शाह ने कहा- ममता को मोदी-मोदी से फुर्सत नहीं
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ”ममता दीदी का इतना बड़ा कार्यक्रम हुआ, कभी भारत माता की जय के नारे लगे क्या? इनको तो मोदी-मोदी से फुर्सत नहीं है। अभी उन्होंने कई पार्टियों के नेताओं को बुलाया। यूपीए सरकार ने बंगाल को 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए दिए। नरेंद्र मोदी सरकार ने 3 लाख 85 हजार करोड़ रुपए की मदद दी। बंगाल को जनता को मदद नहीं मिल पाती है, क्योंकि सरकार के अफसर इसे खा जाते हैं।”

‘हमारी सरकार आई तो एक भी घुसपैठिया नहीं घुस पाएगा’
हमारी सरकार आई तो एक भी घुसपैठिया बंगाल में नहीं घुस पाएगा। ये घुसपैठियों का समर्थन करते हैं। हम सिटिजनशिप बिल लेकर आए हैं। अब बंगाल के अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत लेकर आएंगे। ममता बनर्जी से पूछता हूं कि आप इस बिल का सर्मथन करोगे या नहीं। वो नहीं करेंगी क्योंकि उनका वोट बैंक चला जाएगा। इस बार चुनाव में सिटिजनशिप बिल बंगाल में बड़ा मुद्दा बनेगा।”

यहां दुर्गा विसर्जन नहीं होगा तो क्या पाक में होगा?- शाह
शाह ने कहा,”बंगाल में दुर्गा विसर्जन नहीं करेंगे तो क्या पाकिस्तान में करेंगे। सरस्वती पूजन नहीं कर सकते हैं। क्या हमें ऐसा बंगाल चाहिए? ये स्वामी विवेकानंद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बंगाल है। हमें यहां कोई नहीं रोक सकता। राज्य में बड़े पैमाने पर गौ तस्करी हो रही है। एक बार बंगाल में कमल खिला दो, किसी को सिंडीकेट टैक्स नहीं देना पड़ेगा। तृणमूल के सांसद सौगत रॉय को खुद इस टैक्स के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ा था।”

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