नतीजों से पहले विपक्ष की मोर्चेबंदी, चंद्रबाबू नायडू की राहुल से भावी रणनीति पर चर्चा, अखिलेश-माया से भी मिलेंगे
नई दिल्ली,18 मई (इ खबरटुडे)।लोकसभा चुनावों का प्रचार थमने के बाद कल रविवार को अंतिम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। इस बीच नई सरकार बनाने को लेकर अभी से विपक्ष की मोर्चेबंदी तेज हो गई है। इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आज नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक की, इसके बाद लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात करेंगे। तेदेपा (TDP) प्रमुख के राकांपा (NCP) अध्यक्ष शरद पवार और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) नेता शरद यादव से भी मिलने का कार्यक्रम है। यह मुलाकात दिल्ली में होगी।
सूत्रों के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू और राहुल गांधी के बीच भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए एंटी बीजेपी फ्रंट को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई। यह बैठक एक घंटे तक चली। सूत्रों ने बताया कि बैठक में नायडू ने राहुल गांधी से भाजपा के बहुमत खोने की स्थिति में आगे की रणनीति तैयार रखने के लिए कहा है, ताकि बिना देर किए सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सके। इस बैठक से पहले चंद्रबाबू नायडू ने भाकपा नेताओं सुधाकर रेड्डी और डी. राजा के बातचीत की।
सूत्रों की मानें तो नायडू इस मुद्दे पर फोन के जरिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के भी संपर्क में हैं। इससे पहले वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिल चुके हैं। नायडू शाम को अखिलेश यादव और मायावती से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि नायडू ने चुनाव नतीजों से पहले ही भाजपा विरोधी सभी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि शुक्रवार को एन. चंद्रबाबू नायडू ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से आंध्र प्रदेश की चंद्रगिरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और चित्तूर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में पांच मतदान केंद्रों में फिर से मतदान कराए जाने के आदेश के सिलसिले में मुलाकात की थी। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इन पांच मतदान केंद्रों पर कल यानी 19 मई को फिर से मतदान होगा।
नायडू का आरोप है कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी की पुनर्मतदान की मांग को तो खारिज कर दिया था लेकिन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की मांग को चुनाव के एक महीने बाद मान लिया। ऐसा कर उसने पक्षपात किया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को सभी शिकायतों को एक समान देखना चाहिए। मैं इन केंद्रों पर दोबारा मतदान नहीं चाहता हूं। निर्वाचन आयोग सरकार के पक्ष वाले फैसले ले रहा है। मैं चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग निष्पक्षता के साथ काम करे। यह दुर्भाग्य है कि विपक्ष को आयोग के खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़ रही है। मैंने अपने 25 साल के राजनीतिक कॅरियर में आयोग का ऐसा रवैया कभी नहीं देखा।