November 24, 2024

किसके सर होगा ताज, कौन होगा मोहताज?

निगम चुनाव काउण्ट डाउन -000
इ खबरटुडे / 28 नवंबर

रतलाम। आखिरकार निगम चुनाव का काउण्ट डाउन समाप्त हो गया। सुबह सात बजे से मतदाताओं ने बटन दबाने की शुरुआत की और ये सिलसिला शाम पांच बजे तक जारी रहा। कई ईलाकों में गडबडी की आशंकाएं थी,लेकिन नेताओं ने समझदारी से काम लिया और सबकुछ शांतिपूर्वक समाप्त हो गया। मतदान समाप्ति के बाद अब दावों और जोड बाकी का समय शुरु हो गया है। नेता,दूसरों के सामने तो जीत के दावे कर रहे है,लेकिन कमरों के भीतर वोटरों की जोड बाकी लगाई जा रही है कि उंट किस करवट बैठेगा? किसके सर पर जीत का ताज होगा और कौन सम्मान से मोहताज होगा? ये चुनाव तो नगर सरकार का था,लेकिन चुनावी दंगल में कई बडे नेताओं ने अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को भी जोड लिया। इसका नतीजा यह हुआ कि चुनावी युध्द दो की बजाय तीन पक्षों के बीच हुआ। उपरी तौर पर तो महापौर पद का चुनाव फूल छाप और पंजा छाप के बीच था,लेकिन राजनीति को समझने वाले देख रहे थे कि चुनावी युध्द में तीन पक्ष बन गए थे। एक पक्ष तो पंजा छाप का था,लेकिन फूल छाप के भीतर दो पक्ष बन गए थे। फूल छाप में भैय्याजी के प_े वार्डों में पंहुचकर जहां अपने  फूल छाप पार्षदों को जीताने की चिन्ता कर रहे थे,वहीं ये कोशिश भी कर रहे थे कि फूल छाप वाली महापौर कमजोर हो जाए। फूल छाप का दूसरा धडा वार्डों में खडे बागियों को ताकत देने के साथ फूल छाप के अधिकृत प्रत्याशियों को निपटाने की जुगत कर रहा था,वहीं साथ में महापौर पद के लिए फूल वाली प्रत्याशी को ही वोट देने की अपीलें कर रहा था। बेचारा आम मतदाता,नेताओं के इस चरित्र को देखकर बेहद आश्चर्यचकित था। वह समझ ही नहीं पा रहा था कि हो क्या रहा है? लेकिन मतदाता नेताओं  से ज्यादा समझदार है। इसलिए नतीजे वैसे ही आएंगे,जैसे आने चाहिए। हांलाकि ये नतीजे फूल छाप के बडे नेताओं की हैसियत भी तय करेंगे। अगर फूल छाप के पार्षदों का बहुमत नहीं आया तो भैय्याजी की उपर तक किरकिरी होना तय है। महापौर प्रत्याशी की जीत से वरिष्ठ नेता ने खुद को जोड रखा है। अगर बागी अधिक जीते तो संगठन के नेताओं को हंसी का पात्र बनना पडेगा। बहरहाल इन सब बातों के लिए  अब 4 दिसम्बर तक इंतजार करना पडेगा।

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