उद्योग एवं रोजगार संचालनालय की योजनाओं के लिए 2195 करोड़ रुपये की राशि मंजूर
मंत्रि-परिषद के निर्णय
भोपाल,03 अक्टूबर(ई ख़बर टुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में उद्योग एवं रोजगार संचालनालय द्वारा संचालित विभाग की अधोसरंचना से संबंधित योजनाओं को वर्ष 2017-18 से निरंतर रखने की मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत विभाग की औद्योगिक क्षेत्रों से संबंधित अधोसरंचना की सुविधाओं के विकास के संबंध में अनेक स्वीकृतियां भी प्रदान की गईं।
वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए सभी योजनाओं को एकीकृत करते हुए अधोसरंचना विकास कार्यों के लिए शासन से अनुदान के रुप में क्रमश: 699 करोड़ 20 लाख, 895 करोड़ 70 लाख तथा 600 करोड़ 50 लाख रुपए कुल राशि 2195 करोड 40 लाख रुपए की अनुमति दी गई।
मंत्रि-परिषद ने अधोसरंचना विकास संबंधी योजनाओं को एकीकृत कर अधोसरंचना विकास फंड की स्थापना की निरंतरता की मंजूरी दी। साथ में आगामी तीन वर्षों में 2000 हेक्टेयर भूमि में 20 नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना, 12 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना उन्नयन कार्य, 4 राज्य स्तरीय निवेश कारीडोर के तहत नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना और 6 औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना गैप के अंतर्गत अधोसरंचना कार्य की अनुमति दी गई। मंत्रि-परिषद ने नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना एवं राज्य स्तरीय कारीडोर के तहत औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए परियोजना लागत का 40 प्रतिशत शासन से अनुदान, 50 प्रतिशत शासन गारंटी के तहत वित्तीय संस्था से ऋण तथा 10 प्रतिशत क्रियान्वयन संस्था का अंश सुनिश्चित करने की अनुमति दी।
विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों का उन्नयन एवं औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से संबंधित आवश्यकतानुसार अधोसरंचना कार्यों को पूर्ण करने के लिए राज्य शासन से 75 प्रतिशत अनुदान और क्रियान्वयन संस्था का 25 प्रतिशत अंशदान विनियोजित करने की अनुमति मंत्रि-परिषद द्वारा आज दी गई।
भूमि आवंटन
मंत्रि-परिषद ने मेसर्स छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स लिमिटेड को 28.484 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को अंतरित किये जाने की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है। मंत्रि-परिषद द्वारा मेसर्स छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स लिमिटेड को जिला िछंदवाड़ा तहसील सौंसर में एसईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र) परियोजना की स्थापना के लिये भूमि रकबा 54.354 हेक्टेयर को वर्ष 2010-11 की कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर संगणित प्रीमियम राशि 1 करोड़ 94 लाख 54 हजार 830 रुपए तथा उस पर 7.5 प्रतिशत की दर से वार्षिक भू-भाटक 14 लाख 59 हजार 112 रुपए प्रति वर्ष लेकर आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया।
संगठनात्मक संरचना में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने एम पी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड की संगठनात्मक संरचना में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया। संशोधन अनुसार कंपनी में अब 558 पद विद्यमान रहेंगे। इसमें 362 नियमित, 24 संविदा तथा बाह्य स्त्रोत के 172 पद शामिल हैं। संगठनात्मक सरंचना के अनुरुप कार्मिकों को समय-समय पर आवश्यकतानुसार भर्ती करने के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया है।
पर्यटन के विभिन्न कार्यक्रम अम्ब्रेला स्कीम में शामिल
पर्यटन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को अम्ब्रेला स्कीम में शामिल करते हुए नया कार्यक्रम पर्यटन विभाग की संस्थाओं की अंशपूंजी में धनवेष्ठन कार्यक्रम के तहत संचालित करने का निर्णय आज मंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया। मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की अंशपूंजी में धनवेष्ठन योजना/मद को आगामी तीन वर्षों के लिए और मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की अंशपूंजी में धनवेष्ठन मद/योजना को वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 310 करोड़ रुपए की मंजूरी दी।
इसी प्रकार, प्रदेश में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटन गतिविधियों के विकास के लिए 11 योजनाओं को एक अम्ब्रेला स्कीम में लेकर इसका क्रियान्वयन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया। इन 11 योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन विकास के लिए सहायता, शहरी क्षेत्रों में पर्यटन विकास के लिए सहायता, इंटरप्राईजेज रिसोर्स प्लानिंग/सूचना प्रोद्योगिकी के लिए सहायता, केंद्रीय प्रवर्तित योजना में राज्य शासन का अंशदान, जल पर्यटन विकास के लिए अनुदान, पर्यटक जनसुविधा केंद्रों के संचालन एवं संधारण के लिए सहायता, पर्यटन विकास के लिए निजी भू-अर्जन के मामलों में मुआवजा, अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर भोपाल का निर्माण, होटल प्रबंधन संस्थान (भवन निर्माण), मध्यप्रदेश पर्यटन के मास्टर प्लान के लिए सहायता और लाइट एंड साउंड शो शामिल हैं। वर्ष 2017-18 में इन 11 योजनाओं पर कुल 54 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में इन योजनाओं के लिए आगामी 3 वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए 200 करोड़ रुपए की राशि की अनुमति दी गई।
डेयरियों को नगरीय क्षेत्र से बाहर करने की नीति का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने भोपाल नगर निगम क्षेत्र में स्थित डेयरियों को नगरीय क्षेत्र से बाहर करने की नीति का अनुमोदन किया। अब इसी नीति अनुसार पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों में कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मंत्रि-परिषद की बैठक में आज लिये गये निर्णय के अनुसार विभिन्न ग्रामों में वांछित भूमि राजस्व विभाग द्वारा नि:शुल्क कलेक्टर के माध्यम से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को आवंटित की जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग प्रस्तावित भूमि को विकसित करने तथा आवंटित करने के लिए नगर निगम भोपाल को सौंप सकेगा। इसी प्रकार, प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों की डेयरियों के विस्थापन के लिए भी कार्यवाही की जा सकेगी।
भोपाल नगर निगम तथा योजना में शामिल अन्य नगरीय निकाय विकास कार्य में होने वाले व्यय तथा संधारण की आवश्कतानुसार आवंटियों से प्रतिफल प्राप्त कर सकेंगे। भोपाल नगर निगम तथा अन्य नगरीय निकाय द्वारा निश्चित किये जाने वाले प्रतिफल की राशि के आधार पर आवंटियों को 30 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे का निष्पादन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा।
विश्वविद्यालय पेंशनर्स को छठवें वेतनमान में पेंशन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने विश्वविद्यालय पेंशनर्स को छठवें वेतनमान में 1 जनवरी 2006 से 31 मार्च 2014 तक की अवधि की पेंशन की स्वीकृति दी है।
150 हार्सपावर तक के पावरलूम उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में रियायत
मंत्रि-परिषद ने पावरलूम बुनकरों को रियायती दर पर विद्युत प्रदाय योजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के मध्य निरंतर रखने के लिए 90 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस योजना में अब 150 हार्सपावर तक के पावरलूम उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में रियायत मिल सकेगी।