December 26, 2024

प्रदेश में एक लाख 64 हजार से अधिक ग्रेवल सड़कें बनी

rolar

सड़कों के बनने से गाँव वालों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में आया बड़ा बदलाव

भोपाल,13जून (इ खबरटुडे)। मनरेगा योजना में प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बनाई गई ग्रेवल सड़कें अब पूरे साल लोगों को सुगम यातायात मुहैया करा रही है। दूरस्थ क्षेत्रों के दुर्गम इलाकों में इन ग्रेवल सड़कों पर वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। ग्रेवल सड़कों के बन जाने से ग्रामीणों का आवागमन सुगम होने के साथ-साथ बरसात के दिनों में बच्चों का स्कूल पहुँचना भी आसान हुआ है।

मध्यप्रदेश में मनरेगा के योजना में अब तक गाँवों की आबादी को मुख्य मार्गों तक जोड़ने के लिए तकरीबन 1 लाख 64 हजार 941 सड़कों का काम पूरा कराया जा चुका है। वर्तमान में 22 हजार 473 सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में न्यूनतम 500 तक की आबादी के हिसाब से सड़कें बनायी गयी थीं। जिन गांवों-मजरे-टोले की आबादी 500 से कम थी, उन ग्रामों के रहवासियों को मुख्य मार्गों तक आने के लिए पगडंडी-नुमा दुर्गम रास्तों से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। खासकर बरसात के दिनों में जब बच्चों का स्कूल पहुंचना और वाहनों का मुख्य मार्गों तक आवागमन लगभग बंद- सा रहता था। मनरेगा से बनी ग्रेवल सड़कों से ग्रामीणों की यह समस्या समाप्त हो गई है। अब छोटे मजरे-टोले को सुदूर सड़कों के माध्यम से बारहमासी कनेक्टिविटी मिल जाने से पूरे साल आवागमन सुगम हो गया है।

मनरेगा से बनायी गयी ग्रेवल सड़कों से ग्रामीणों को मिली आवागमन सुविधा का ही नतीजा है कि अब इन गाँवों के बच्चे स्कूल तक पहुँच रहे हैं। ग्रामीणों को खेतों तक पहुँचने के लिए भी ये सड़कें उपयोगी साबित हुयी हैं। किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र को अपने खेतों तक ले जाने में आसानी हो गई है। वाहनों के आवागमन से फसल, सब्जी आदि आसानी बाजार में पहुंचने से उचित दाम मिलने लगा है। इससे ग्रामीणों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में बदलाव आने के साथ ही नगरों के साथ कनेक्टिविटी हो जाने से ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है। इतना ही नहीं इन सड़कों के निर्माण के दौरान ग्रामीणों को मनरेगा से समुचित रोजगार भी मिला है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds