May 9, 2024

दुष्कर्मी राम रहीम को दस साल की सजा, सिरसा में आगजनी

साध्वी यौनशोषण मामले में दोषी करार दिए जा चुके गुरमीत राम रहीम को आज सीबीआइ कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। उधर, सिरसा में आगजनी की सूचना है।

28 अगस्त(इ खबरटुडे)जेएनएन, चंडीगढ़। सिरसा स्थित डेरा सच्चा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौनशोषण मामले में दस साल की सजा सुनाई गई है.साध्वी यौनशोषण मामले में राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में विशेष कोर्ट लगाई गई। इससे पूर्व दोनों पक्षों को अपना-अपना पक्ष में दलील देने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया गया। इस दौरान गुरमीत राम रहीम भी कोर्ट में मौजूद रहा और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे। वह रहम की अपील करता रहा। इस बीच, सूचना है कि डेरा प्रेमियों ने सिरसा के फुल्का गांव में दो गाड़ियों में आग लगा दी है।

सुनरिया जेल में डेरा प्रमुख की सजा पर सुनवाई के दौरान बाबा के वकीलों ने बचाव पक्ष में कहा कि डेरा प्रमुख सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं। डेरा प्रमुख के वकील एसके नरवाना ने कहा कि बाबा ने कई समाज सेवा के काम किए हैं इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए। उन्होंने बताया कि बाबा ने 133 समाज सेवा के काम किए हैं। वे नरमी के हकदार हैं। उन्होंने डेरा प्रमुख की जेल बदलने की भी मांग की। वहीं सीबीआइ के वकीलों ने कहा कि वकील ने कहा कि अब कोई संशय नहीं है। साध्वियों का यौन शोषण किया गया है। भावनाओं का दोहन किया है डेरा प्रमुख है। उसे मिलने वाली सजा कम है। सीबीआइ वकीलों ने डेरा प्रमुख के लिए उम्रकैद की सजा मांगी।
सुरक्षा का मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में है। सजा के मद्देनजर सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में रहा। राम रहीम को 25 अगस्त को दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाने के लिए सीबीआइ के विशेष जज जगदीप सिंह पंचकूला से हेलीकॉप्टर से पहुंचे। यह पहली बार हुआ जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई गई।
सीबीआइ जज को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है। उन दो साध्वियों को भी कड़ी सुरक्षा दी गई है, जिन्होंने गुरमीत द्वारा यौनशोषण की बात कही थी। सजा के बाद होने वाली प्रतिक्रिया से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के अनुसार अर्धसैनिक बलों की 26 कंपनियां तथा पुलिस तैनात की गई हैं। सेना की कई कंपनियों को विकल्प के तौर पर रखा गया है। उपद्रवियों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।

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