New rules for vehicles:गाड़ियों के लिए एक अप्रैल से लागू होंगे नए नियम, आपको जानना जरूरी

New rules for vehicles will come into effect from April 1, it is important for you to know.
New rules for vehicles:गाड़ियों की लिमिट यानी कि एक्सपायरी को लेकर एक अप्रैल से नए नियम लागू हो जाएंगे। यदि आपके पास भी कोई गाड़ी है तो आपको यह जानना जरूरी है। नए नियम, स्क्रैपिंग और रजिस्ट्रेशन पर भी बड़ा प्रभाव डालेंगे। पुराने वाहनों के संचालन से होने वाले वायु प्रदूषण को थामने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने स्क्रैपिंग के नए नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। जो देश भर में एक अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इन नियमों में वाहनों के उत्पादनकर्ता के साथ वाहन मालिकों को भी जवाबदेह बनाया गया है।
पुराना वाहन नहीं रख सकते 180 दिन के बाद
यदि आपके पास कोई वाहन है और उसकी ने पंद्रह साल की आयु पूरी कर ली है और उसके रजिस्ट्रेशन को आगे की अवधि के लिए बढ़ाया भी नहीं गया है तो उसे घर पर रखना अब गैरकानूनी होगा। वाहन स्क्रैपिंग के नए नियमों के तहत आयु पूरी करने के 180 दिनों के भीतर वाहन को पंजीकृत स्क्रैपिंग या संग्रहण केंद्रों पर अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वाहन स्वामी के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना, वाहन के रजिस्ट्रेशन रद करने और दूसरी कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
प्रमाण-पत्र भी करवाना होगा जमा
इसके साथ ही वाहन उत्पादनकर्ता को भी हर साल एक तय मानक के तहत वाहनों की स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, तभी उन्हें नए वाहनों के उत्पादन की भी अनुमति मिलेगी। इन नियमों से कृषि कार्य में लगे वाहनों को मुक्त रखा गया है। वाहनों के उत्पादनकर्ता के लिए हर साल एक निर्धारित मात्रा में वाहनों की स्क्रैपिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि यह उन्हें खुद नहीं करना होगा, बल्कि देश के अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों से उसके प्रमाणपत्र खरीदकर प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ही उन्हें नए वाहनों के उत्पादन की अनुमति दी जाएगी।
नए नियम के लक्ष्य निर्धारित
ऐसे में मंत्रालय ने 2025-26 के लिए वाहनों उत्पादनकर्ताओं के लिए स्क्रैपिंग के जो लक्ष्य निर्धारत किए है, वह गैर-परिवहन वाहनों के लिए वर्ष 2005-06 के आधार पर व परिवहन वाहनों के लिए वर्ष 2010-11 के आधार पर निर्धारित किया गया है। ऐसे में प्रत्येक वाहन उत्पादनकर्ता को इन वर्षों में वाहनों में इस्तेमाल की गई स्टील में से न्यूनतम आठ प्रतिशत की स्क्रैपिंग करानी होगी। इसके साथ ही वाहन उत्पादनकर्ता और राज्यों को वाहनों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नए-नए उपाय और जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए भी कहा गया है।
सभी राज्यों ने वाहनों की आयु अपने-अपने हिसाब से निर्धारित कर रखी है। दिल्ली
एनसीआर में ही नियम 15 साल के
एनसीआर से बाहर के जिलों में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन यदि फिट है तो वह पंद्रह साल के बाद भी सड़कों पर दौड़ सकता है, लेकिन पंद्रह साल के बाद प्रत्येक पांच वर्ष में इसके फिटनेस की आरटीओ की देखरेख में जांच करानी होगी।
परिवहन वाहनों की आयु
नए नियमों में यह तय किया गया है कि वाहन यदि फिट रहता है तो उसके रजिस्ट्रेशन को पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल मंत्रालय ने नई स्क्रैपिंग नीति में वाहनों की जो औसत उम्र तय की है, वह परिवहन वाहनों के लिए अधिकतम 15 साल और गैर-परिवहन वाहनों के लिए 20 वर्ष रखी है।