November 16, 2024

AAP छोड़कर जा रहे नेता, अब तक 15 से अधिक नेताओँ ने दिए इस्तीफे

नई दिल्ली,23 अगस्त (इ खबरटुडे)। आम आदमी पार्टी से नेताओं का मोहभंग जारी है। हाल ही में आशुतोष ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, तो अब पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले आशीष खेतान ने भी दूरी बना ली है। वैसे 26 नवंबर 2012 को अस्तित्व में आने के बाद से कई नेताओं का AAP से मोहभंंग हुआ है। 

आशुतोष : 15 अगस्त 2018 को पूर्व पत्रकार आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘हर सफर का अंत होता है। आम आदमी पार्टी के साथ मेरा सुंदर और क्रांतिकारी सफर भी खत्म हो गया है। मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और पीएसी से अनुरोध किया है कि इसे स्वीकार कर लिया जाए। यह पूरी तरह से व्यक्तिगत फैसला है। आशीष खेतान: खेतान ने केजरीवार को 15 अगस्त के दिन भेजे अपने ईमेल में कथित इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके लिए अपने निजी कारणों का हवाला दिया है। खेतान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विश्वासपात्र माना जाता है। खेतान ने 2014 के लोकसभा चुनाव में आप के ही टिकट पर नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था।

योगेंद्र यादव: मई 2014 में हरियाणा में आम आदमी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए उसके प्रभारी पद और राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से योगेंद्र यादव ने इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा चुनाव में पार्टी राज्य की 10 सीटों में से एक पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई। योगेंद्र यादव भी हरियाणा से चुनाव हार गए थे। वहीं 2015 में योगेंद्र यादव को आप ने राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से बहिष्‍कृत कर दिया था।
कपिल मिश्रा: आप के टिकट से चुनाव लड़ते हुए कपिल मिश्रा दिल्ली विधानसभा चुनाव में 44,431 के अंतर से जीत दर्ज की थी। बाद में अपने ही पार्टी के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगात हुए पार्टी छोड़ दी थी। मयंक गांधी: आम आदमी पार्टी के कार्यकारिणी सदस्य रहे मयंक गांधी भी अरविंद केजरीवाली की कार्यप्रणाली से नाराज होकर पार्टी छोड़ चुके हैं। मंयक ने जाते-जाते कहा था, आप का जन्म गटर की राजनीति को साफ करने के लिए हुआ था, न कि गटर की राजनीति करने के लिए।
प्रशांत भूषण: वहीं 2015 में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के साथ प्रो. आनंद कुमार को भी आप ने राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से बहिष्‍कृत कर दिया। विनोद कुमार बिन्नी: जनवरी 2014 में बिन्नी ने पार्टी का दामन छोड़ दिया था। उन पर पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ झूठी बयानबाजी करने का आरोप लगा था। शाजिया इल्मी: शाजिया इल्‍मी ने 24 मई 2014 को पार्टी के सभी पदों से इस्‍तीफा दे दिया था। तब उन्होंने कहा था, ‘केजरीवाल पार्टी में ही लोकतंत्र लागू नहीं कर पा रहे हैं। मुझे पार्टी से दरकिनार किया गया। काफी सोचने के बाद मैंने इस्‍तीफा दिया। अरविंद के लिए यह वक्‍त आत्‍म मंथन का है।
अंजलि दमानिया: महाराष्ट्र में आप की वरिष्ठ सदस्य अंजलि दमानिया ने 5 जून 2014 को पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि बाद में उनकी वापसी हो गई, लेकिन तब अंजलि ने आप पदाधिकारियों को लिखे अपने इस्तीफे में कहा था कि मैं भारी मन से आप से अलग हो रही हूं। (इनके अलावा कैप्टन जीआर गोपीनाथ, अशोक अग्रवाल, मधु भादुरी, अश्विनी उपाध्याय, मौलाना कजमी, मौलाना कजमी, सूरजित दासगुप्त, नुतान ठाकुर, मौलाना मकसूद अली काजमी, एसपी उदयकुमार, एमएस धीर भी आप का साथ छोड़ चुके हैं।)

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