Govardhan Pooja : राष्ट्रीय गौ सेवा संघ की एक अनोखी पहल, गोवर्धन पूजा पर गौ वंश को सजा कर की पूजा
रतलाम,06 नवंबर (इ खबरटुडे)। हिंदु धर्म की मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा के मौके पर गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि गाय पवित्र होती हैं। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं। उसी तरह गाय माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं. ।
गोवर्धन पूजा के मौके पर राष्ट्रीय गौ सेवा संघ की नगर टीम द्वारा शहर में गली गली चौराहों पर घूम कर सैकडो गौवंशो को सजा कर उनको पूजा की गई। इस दौरान गौ भक्तो ने सैकडो गो वंशो को सजा कर उनकी पूजा की। मान्यता है कि गाय देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का अपमान कर गिरिराज पूजन किया था। भारतीय परंपरा में गाय की पूजा का बहुत ही महत्व है।
गाय में होता है सभी देवों का वास
दीपावली के अगले दिन सभी गौमाता का पूजन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि गाय देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। गाय को मां का दर्जा दिया गया है। पौराणिक मान्यता है कि गाय में सभी देवों का वास होता है। पंचगव्य चरणामृत सहित गाय का दूध गोबर सभी कुछ पवित्र माना जाता है। गाय के घी को औषधीय गुणों वाला माना जाता है ।
हिंदू धर्म में गाय का महत्व
हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है. गोवर्धन के दिन मंदिरों में श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से विशेष फल मिल जाता है। वहीं इस दिन लोग घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही और दीप जलाकर पूजा अर्चना किया करते हैं। कहा जाता है इस दिन गायों की पूजा भी की जाती है और फिर गाय को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारकर प्रदक्षिणा की जाती है।
राष्ट्रीय गौ सेवा संघ के नगर अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि गोर्वधन पूजा के दिन नगर में 120 गौ माताओ को शहर के अलग अलग स्थानों पर श्रृंगार कर पूजन किया गया । गौ सेवा संघ की इस पहल को स्थानीय लोगो द्वारा काफी सराहना की गई । कार्यक्रम की मुख्य भूमिका नगर अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा , राधेश्याम गुर्जर ,लखन गुर्जर भोला भाटी व नगर टीम उपस्थित रहे।