मध्यप्रदेश के छह शहरों में चलेंगी 472 ई-बस, बसों के लिए टेंडर किए फाइनल

भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और सागर में इलेक्ट्रीक बसों का संचालन किया जाएगा। इन छह शहरों के लिए 472 इलेक्ट्रीक बसों का संचालन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने बसों के संचालन को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इन बसों के लिए ग्रीन सेल को फाइनल किया गया है। इस साल के अंत तक इन सभी छह शहरों में यह बस सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। इससे यात्रियों को तो सुविधा मिलेगी ही, साथ ही पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी।
यह सभी बस प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत संचालित की जाएंगी। पूरे प्रदेश के 552 बसों का संचालन किया जाएगा। इनमें से 472 बसों के लिए ग्रीन सेल को फाइनल किया गया है। अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि इन बसों का संचालन किस दर पर होगा।
9 मीटर लंबी होंगी ई-बस
ग्रीन सेल का अनुबंध जिस शहर में बस चलेंगी, उसके निकाय प्रशासन के साथ होगा। इन सभी छह शहरों के लिए 9 मीटर लंबाई वाली ई-बसों के संचालन को अनुमति दी गई है। इन बसों के संचालन के लिए संबंधित निकाय को बसों के लिए डिपो का निर्माण, चार्जिंग प्वाइंट को भी तैयार किया जाएगा। इसके बाद यह ई-बस आनी शुरू हो जाएंगी। इन ई-बसों का संचालन जीसीसी मॉडल पर होगा। बसों की खरीद टेंडर लेने वाली फर्म करेगी। इसके अलावा टेंडर लेने वाली फार्म बसों के चालक, परिचालक तथा मरम्मत की व्यवस्था खुद ही करेगी। संबंधित निकाय प्रशासन प्रति किलोमीटर की दर से संबंधित फर्म को भुगतान करेगी। भारत सरकार की तरफ से 22 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से इनका भुगतान किया जाएगा। इससे आगे का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
अलग-अलग जिलों को अलॉट की जाएंगी बस
पूरे प्रदेश में कुल 552 ई-बसों की सुविधा मिलेगी। इनमें से इंदौर को 150, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन को 100-100, ग्वालियर को 70 और सागर को 32 बसें अलॉट की जाएंगी। यह बस नेशनल इलेक्ट्रिक बस प्रोग्राम के तहत दी जाएंगी। केंद्र सरकार ने मई 2022 में कुछ राज्यों के लिए 50 हजार इलेक्ट्रीक बसों की योजना बनाई थी। केंद्र सरकार ने 2024 में हरियाणा, कर्नाटका और महाराष्ट्र के लिए इन बसों की आपूर्ति के लिए टेंडर जारी किए थे। अभी तक इन राज्यों को भी यह बस नहीं मिल पाई हैं। जल्द ही इन राज्यों को यह बस मिलने की उम्मीद है। इससे यातायात सुगम होगा तथा राज्यों में बसों की कमी पूरी हो जाएगी। इसके अलावा यह बस पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।